न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
परियोजना को विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और केंद्र सरकार की अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत योजना) जैसी एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (JUIDCO) इस परियोजना को लागू करेगी।
झारखंड सरकार ने राज्य के 18 कस्बों में पेयजल आपूर्ति के लिए 2300 करोड़ रुपये की योजना के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इससे इन कस्बों के 10 लाख से ज्यादा लोगों को सुविधा मिलेगी।
परियोजना को विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और केंद्र सरकार की अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (अमृत योजना) जैसी एजेंसियों द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा। झारखंड अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी (JUIDCO-जुडको) इस परियोजना को लागू करेगी। झारखंड के शहरी विकास प्राधिकरण के निदेशक अमित कुमार ने कहा कि योजना को निर्धारित समय सीमा में पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर शहरी नागरिक को जल्द से जल्द शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है।
इन शहरों में लागू होगी योजना
जुडको के उप महाप्रबंधक आलोक मंडल ने बताया कि गुमला, लोहरदगा और जामताड़ा में पेयजल आपूर्ति परियोजनाओं को एशियाई विकास बैंक से 500 करोड़ रुपये की सहायता से लागू किया जाएगा।
बरकी सरैया, धनवार, डोमचांच, कपाली और छतरपुर सहित 15 अन्य शहरी स्थानीय निकायों में 1800 करोड़ रुपये में सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
विश्व बैंक राज्य के 13 शहरों में परियोजनाओं के लिए 1,200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगा, जबकि दो अन्य में अमृत योजना के तहत 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
क्या है अमृत योजना
केंद्र सरकार के आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय ने योजना तैयारी की है। इसे अमृत योजना नाम दिया गया है। इसके जरिए शहरों में घरों में पानी की आपूर्ति, सीवरेज और शहरी परिवहन जैसी बुनियादी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। जुडको ने योजना लागू करने के लिए संभावित निविदाकर्ताओं से बोलियां आमंत्रित करने के लिए शुक्रवार को रांची में बैठक आयोजित की थी। झारखंड सरकार ने हाल ही में कहा था कि वह गांवों में घर-घर जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए वह युद्धस्तर पर काम कर रही है। जल जीवन मिशन के तहत 2024 तक यह कार्य पूरा किया जाएगा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के तहत चलाए जा रहे 'जल जीवन मिशन' के अंतर्गत ग्रामीण भारत में हर घर नल जल पहुंचाने की महत्वाकांक्षी योजना लागू की जा रही है। 2024 तक इसे पूरा किया जाना है।