x
राज्य भर में 38432 आंगनबाड़ी सेंटर हैं. पर इनमें से सभी सेंटरों में अब भी शौचालय और पेयजल की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है
Ranchi: राज्य भर में 38432 आंगनबाड़ी सेंटर हैं. पर इनमें से सभी सेंटरों में अब भी शौचालय और पेयजल की सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा सकी है. महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (केंद्र सरकार) ने झारखंड सरकार से मिली जानकारी के आधार पर यह जानकारी संसद में साझा की है. केंद्र की मानें तो राज्य के 50 फीसदी से भी अधिक सेंटरों में शौचालय की सुविधा नहीं है. पेयजल सुविधा भी 50 फीसदी से कुछ अधिक सेंटरों में ही उपलब्ध करायी जा सकी है. आंगनबाड़ी सेंटरों के संचालन के लिये सेविका, सहायिकाओं की कमी का खामियाजा भी बच्चों, किशोरियों, धातृ महिलाओं को उठाना पड़ रहा है.
कितने केंद्रों में क्या है स्थिति
सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने लोकसभा के चालू मॉनसून सत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से झारखंड के आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल, शौचालय, मैनपावर के संबंध में जानकारी मांगी थी. इस पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि पिछले चार सालों में एक भी नया आंगनबाड़ी सेंटर झारखंड में नहीं खोला गया है. अभी कुल 38432 सेंटर कार्यशील हैं. इनमें से 22438 सेंटरों में पेयजल सुविधा है जबकि 15994 में अब भी इसका अभाव है. 18397 केंद्रों में ही स्वच्छता (शौचालय) सुविधा उपलब्ध है जबकि 20035 में इसकी कमी है.
आंगनबाड़ी केंद्रों में मैनपावर की कमी
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक झारखंड में आंगनबाड़ी सेंटरों के संचालन में अहम रोल निभाने वाली सेविकाओं और सहायिकाओं के कई पद रिक्त हैं. सेविकाओं के 771 और सहायिकाओं के 827 पद खाली पड़े हैं. रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिये जिलों के डीसी को अधिकृत किये जाने के संबंध में सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की गयी है.
सोर्स - Newswing
Rani Sahu
Next Story