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जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट देश में एकमात्र ऐसी संस्था बची है जो यह सुनिश्चित कर सकती है कि भारत अपने संविधान के अनुसार शासित हो। उनकी ये टिप्पणी तब आई है जब सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई शुरू हुई है।
श्रीनगर में पीडीपी कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पूरी दुनिया सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही देख रही है। आजादी के दौरान जम्मू-कश्मीर ने मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद धर्म के आधार पर दो-राष्ट्र सिद्धांत को खारिज कर भारत में शामिल हुआ था।'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय को यह देखना होगा कि देश में संस्थाओं को कैसे नष्ट कर दिया गया है और शीर्ष न्यायालय ही एकमात्र संस्था है जो संविधान को बचा सकती है। भाजपा न केवल संसद में अपने प्रचंड बहुमत के आधार पर संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है, बल्कि सभी चीजों को नजरअंदाज कर रही है।'
उन्होंने दिल्ली पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक अध्यादेश लाया जो असंवैधानिक है।" महबूबा ने कहा कि संविधान की महिमा को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट को साहसिक रुख अपनाना होगा।
उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय को यह तय करना होगा कि यह देश भारत के संविधान के अनुसार चलेगा या भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे के अनुसार।" उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पूरे देश में मणिपुर की स्थिति दोहराने की कोशिश कर रही है।