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उत्तर भारत के मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी राज्यों में नदियां उफान पर हैं। जहां नदियों का जलस्तर घट रहा है वहां अब संक्रामक रोगों खतरा बढ़ गया है।बुधवार को जम्मू कश्मीर में मूसलधार वर्षा व भूस्खलन से कई घर ढह गए गए। कठुआ में तीन बच्चों सहित आठ की मौत हो गई। तड़के जम्मू से अमरनाथ यात्रा पर निकला श्रद्धालुओं का जत्था भी रामबन के चंद्रकोट में रोक दिया गया है, जबकि बालटाल मार्ग से जत्थे को आगे रवाना कर दिया गया। उत्तराखंड में भी वर्षा व भूस्खलन से बुधवार को दिनभर चार धाम यात्रा मार्ग बाधित होते रहे।
हिमाचल में चंबा के सलूणी में बुधवार को भारी वर्षा से नालों में बाढ़ आ गई। दिल्ली में यमुना एक बार फिर से खतरे के निशान (205.33 मीटर) से ऊपर बहने लगी है। मंगलवार देर शाम आठ बजे जलस्तर खतरे के निशान से नीचे था, लेकिन बुधवार शाम पांच बजे तक यह 205.79 मीटर तक पहुंचा। इससे एक बार फिर से जलभराव का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
जम्मू कश्मीर में मूसलधार बारिश से तवी, उज्ज, चिनाब सहित सभी नदी-नाले उफान पर हैं। इससे कई गांव को खतरा बना हुआ है। कटड़ा में भारी वर्षा व भूस्खलन से मां वैष्णो देवी का बैटरी कार मार्ग और नया ताराकोट मार्ग मंगलवार रात से ही बंद है। हालांकि पारंपरिक मार्ग से यात्रा जारी है।जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर कठुआ में तरनाह नाले पर बना पुल धंसने से राजमार्ग पर दोनों ओर से यातायात बाधित हो गया। अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों को वैकल्पिक तौर पर हीरानगर के सीमांत क्षेत्र से निकाला जा रहा है। रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर हाईवे भी कई जगह पहाड़ से पत्थर गिरने से बंद है।c
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