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- साजिश मामले में एनआईए...
प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के छद्म नामों से संगठन खड़ा कर आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने के मामले में एनआईए ने वीरवार को कश्मीर के 3 जिलों बारामुला, शोपियां व पुलवामा में 5 स्थानों पर छापा मारा। यह कार्रवाई प्रतिबंधित संगठनों, उनके सहयोगियों या शाखाओं के कैडरों, ओजीडब्ल्यू द्वारा अपने पाकिस्तानी कमांडरों और आकाओं के इशारे पर विभिन्न छद्म नामों से रची गई आतंकी व विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश से संबंधित है।
जम्मू-कश्मीर में सक्रिय पाक समर्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की नई शाखाओं के खिलाफ छापे की कार्रवाई की गई। जांच के दायरे में नए बने आतंकी संगठनों में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ), यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट जम्मू एंड कश्मीर (यूएलएफ जेएंडके), मुजाहिदीन गजवत-उल-हिंद (एमजीएच), जम्मू-कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (जेकेएफएफ), कश्मीर टाइगर्स, पीएएएफ और अन्य शामिल हैं।
ये संगठन लश्कर, जै, हिजबुल मुजाहिदीन, अल-बद्र और अल-कायदा जैसे प्रमुख प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से संबद्ध हैं। एनआईए के अधिकारियों द्वारा जिन स्थानों पर छापा मारा गया है, वे प्रतिबंधित कश्मीरी आतंकी संगठनों की नवगठित शाखाओं व सहयोगियों से जुड़े हाइब्रिड आतंकियों और ओजीडब्ल्यू के आवासीय परिसर हैं।
इन संगठनों से सहानुभूति रखने वालों के परिसरों पर भी छापे मारे गए। इन सभी कैडरों व कार्यकर्ताओं की प्रदेश में आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ से संबंधित गतिविधियों के लिए जांच की जा रही है। एनआईए को स्टिकी बम, चुंबकीय बम, आईईडी, धन, मादक पदार्थ, हथियार, गोला-बारूद के संग्रह और वितरण में उनकी संलिप्तता का संदेह है।
15 दिन में एनआईए की दूसरी कार्रवाई
कश्मीर घाटी में हिंसा की साजिश मामले में पिछले 15 दिनों के भीतर एनआईए की यह दूसरी कार्रवाई है। एजेंसी ने 11 जुलाई को दक्षिण कश्मीर में पांच स्थानों पर छापेमारी की थी। एनआईए ने पहले जिन स्थानों की तलाशी ली थी, उनमें कश्मीर घाटी के तीन जिले अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा शामिल हैं। इसके कारण बड़े पैमाने पर आपत्तिजनक डेटा वाले कई डिजिटल उपकरणों को जब्त कर लिया गया।
एनआईए ने खुद संज्ञान ले दर्ज किया था मामला
जम्मू-कश्मीर में आतंकी साजिश का मामला पिछले साल 21 जून को एनआईए ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दर्ज किया गया था। यह जम्मू-कश्मीर में स्टिकी बमों, आईईडी और छोटे हथियारों के साथ हिंसक आतंकवादी हमलों की शृंखला शुरू करने के लिए प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों द्वारा फिजिकल और ऑनलाइन साजिश से संबंधित है।
पाकिस्तान समर्थित संगठन जम्मू-कश्मीर में शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जमीनी कार्यकर्ताओं को संगठित करने में भी लगे हुए हैं। एनआईए की जांच के अनुसार, साजिश के पीछे पाकिस्तान में बैठक हैंडलरों की ओर से लोगों के बीच आतंक फैलाने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का उपयोग किया गया था।
वे कश्मीर घाटी में अपने एजेंटों और कैडरों को हथियार और गोला-बारूद, विस्फोटक और नशीले पदार्थ पहुंचाने के लिए ड्रोन का भी उपयोग कर रहे थे।