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- जम्मू में ओवरलोड...
जम्मू | सुबह तो पुलिस दोपहिया वाहन चालकों को नियमों का पाठ पढ़ाने के लिए चालान कर देती है, लेकिन रात को खुद अंधेरे में छिप जाती है। यह खुलासा रात ढाई बजे से लेकर तीन बजे के बीच अमर उजाला की पड़ताल से हुआ है। दो दिन तक संवाददाता की ओर से चार किलोमीटर के रूट पर चार नाकों की जांच की गई। इस दौरान पाया कि बेखौफ होकर एक ओवरलोड ट्रक आता है और बैरिकेड हटाकर उसे आगे जाने का रास्ता दे दिया जाता है। सबसे पहले ट्रक रात ढाई बजे विक्रम चौक से निकलता है। फ्लाईओवर पर नाके के दौरान कुछ गाड़ियों के चालकों से पूछताछ चल रही होती है। इसी बीच, तूड़ी से ओवरलोड ट्रक रुकता है। एक मुलाजिम मौके पर आता है और कार्रवाई करने के बजाय बैरिकेड हटाकर उसे जाने देता है।
दूसरा नाका डोगरा चौक पर होता है, पर वहां कोई पुलिस कर्मचारी नहीं दिखता, न ही किसी प्रकार की बैरिकेडिंग होती है। इस कारण करीब चार मिनट के बाद ओवरलोड ट्रक तेज रफ्तार से निकल जाता है।
एक मिनट में ओवरलोड ट्रक ज्यूल चौक के पास पहुंच जाता है। यहां पुलिस कर्मचारी ट्रक को देखकर दूसरी ओर मुंह कर लेता है। इस कारण ट्रक साइंस कॉलेज की ओर निकल जाता है। यह रोड काफी संकरी है और ट्रक में इतनी तूड़ी थी कि उसे क्रॉस करने के लिए साइकिल तक नहीं निकल सकता था।
केनाल रोड पर ट्रक के पीछे तीन-चार गाड़ियों की कतार लग गई, क्योंकि आगे जाने के लिए जगह नहीं मिल पा रही थी। तीन मिनट के बाद यानी 2 बजकर 38 मिनट पर ट्रक कनाल हेड चौक पर पहुंच जाता है, जहां नाका और बैरिकेडिंग तो थी, पर किसी पुलिस कर्मचारी की ओर से रोकने का प्रयास नहीं किया गया। इसके बाद ट्रक सीधा जम्मू-अखनूर रोड पर चला जाता है। यानी कि पुलिस संरक्षण के चलते कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।