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सरकार की ओर से स्कूलों में उचित स्टॉफ की नियुक्ति के दावे किए जा रहे हैं। लेकिन जम्मू संभाग के आठ जिलों के 58 हायर सेकेंडरी और हाई स्कूल आज भी बिना मुखिया के चलते रहे हैं। वहीं, 13 शिक्षा जोन के जोनल शिक्षा अधिकारी (जेडईओ) के पद भी रिक्त पड़ें हैं। इससे जहां स्कूलों के रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं वहीं, शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड़ रहा है।
58 स्कूलों में से 35 हायर सेकेंडरी में प्रिंसिपल, 23 हाई स्कूल में हेडमास्टर और 13 जोनल शिक्षा अधिकारी ही नहीं हैं। अधिकारियों कमी के चलते स्कूल शिक्षा विभाग ने इन संस्थानों की डीडीओ शक्तियां अन्य स्कूल के प्रमुखों को दी हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में समय पर मास्टर और लेक्चरर की डीपीसी न होने के कारण स्कूल बिना मुखिया के रह जाते हैं। सबसे ज्यादा रियासी जिले में नौ हायर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल, दो स्कूलों में हेडमास्टर और चार जोन में जोनल शिक्षा अधिकार नहीं हैं।
स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ देने के दावे करने वाला स्कूल शिक्षा विभाग 58 स्कूलों में प्रिंसिपल और हेडमास्टर ही नियुक्ति नहीं कर पा रहा है। ऐसे में बिना मुखिया के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई की कल्पना नहीं की जा सकती है। गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खुले हैं और सितंबर से यूनिट एक की परीक्षाएं होनी हैं। इसके बावजूद स्कूलों में स्टॉफ की बड़ी कमी है।
यहां रिक्त हैं इतने पद
उधमपुर जिले के छह प्रिंसिपल, एक हेडमास्टर और दो जोनल शिक्षा अधिकारी नहीं हैं। इसी तरह कठुआ जिले में छह प्रिंसिपल, दो हेडमास्टर और दो जेडईओ। राजोरी में सात प्रिंसिपल, छह हेडमास्टर और चार जेडईओ, डोडा में चार प्रिंसिपल, पांच हेडमास्टर, जम्मू जिले में हेडमास्ट और एक जेडईओ, रामबन जिले में एक प्रिंसिपल, एक हेडमास्टर, पुंछ में दो प्रिंसिपल और सांबा में एक हेडमास्टर का पद रिक्त पड़ा है।
प्रिंसिपल, हेडमास्टर और जेडईओ के पद प्रशासन की ओर से भरे जाते हैं, जिसकी प्रक्रिया जारी है। जल्द ही बिना मुखिया के चल रहे स्कूलों में अधिकारियों की तैनाती की जाएगी