हिमाचल प्रदेश

ट्रक ऑपरेटर सोसायटी ने संयुक्त बैठक कर बनाई रणनीति, प्रदेश सरकार भी आगे आई

Shantanu Roy
16 Dec 2022 10:34 AM GMT
ट्रक ऑपरेटर सोसायटी ने संयुक्त बैठक कर बनाई रणनीति, प्रदेश सरकार भी आगे आई
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बड़ी खबर
हिमाचल। दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटर सोसायटी की संयुक्त बैठक शुक्रवार को हुई। बैठक में सभी 8 सोसायटी के चार-चार लोगों के नाम मांगे गए हैं। 32 सदस्यीय यह कमेटी शनिवार को डीसी से सोलन में मिलेगी। यूनियन नेताओं का कहना है कि अडानी ने जो 6 और 3 रुपए का जो फार्मूला तय किया है। इसके बारे में मीटिंग में डीसी से जानकारी मांगी जाएगी। बैठक में यह भी जानकारी सामने आई कि कंपनी प्रबंधन ने बंद की है। इसमें ट्रक आपरेर्ट्स का कोई रोल नहीं है। उधर, ट्रक आपरेर्ट्स ने भी शर्त रखी है कि अब जो समझौता होगा। उनकी शर्ताें पर ही होगा। यूनियन नेताओं ने कहना है कि कंपनी ने बिना बताए ताले लगा दिए।
हाउस में इसका पूरा विरोध किया गया। नेताओं का कहना है कि कंपनी ने आंदोलन की शुरूआत की है। इसका खात्मा अब हमें करना है। उधर, यूनियन के नेताओं ने कंपनी प्रबंधकों से निपटने का पूरा मन बना लिया है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में सीमेंट फैक्ट्रियां बंद होने के घमासान में राज्य की कांग्रेस सरकार भी कूद गई है। 22 से शुरू हो रहे विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले राज्य सरकार सीमेंट प्लांट पर उपजे विवाद को सुलझाने में जुट गई है। सरकार कंपनी और ट्रांसपोर्ट यूनियन के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाएगी। अगर कंपनी का अड़ियल रवैया रहा तो उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा।
अधिकारियों को सीमेंट कंपनियों और ट्रक यूनियनों के साथ मिलकर विवाद को सुलझाने के निर्देश
इससे पहले विवाद को सुलझाने के लिए शुक्रवार को मुख्य सचिव आरडी धीमान की अध्यक्षता में विभिन्न विभागों के मुखियों की मीटिंग हुई। जो करीब 1 घंटे तक चली। बैठक में उद्योग विभाग के निदेशक, राज्य आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक, परिवहन विभाग के निदेशक सहित कई आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे। इसमें सभी संबंधित अधिकारियों को सीमेंट कंपनियों और ट्रक यूनियनों के साथ मिलकर इस विवाद को सुलझाने को कहा गया है। मुख्य सचिव इस मुद्दे सीएम से भी फोन पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू अभी राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं। सीएम से बात करने के बाद मुख्य सचिव इस बारे में शाम तक बड़ा फैसला ले सकते हैं। इस मामले में सीमेंट कंपनियों को नोटिस भी जारी किए जा सकते हैं। जिसमें कंपनी से सरकार को बिना बताए कंपनियों को बंद करने के बारे में जवाबतलबी की जाएगी।
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