हिमाचल प्रदेश

पर्यटकों ने मणिकर्ण में मचाया हुड़दंग, 200 से अधिक गाडिय़ां तोड़ीं

Shantanu Roy
7 March 2023 9:37 AM GMT
पर्यटकों ने मणिकर्ण में मचाया हुड़दंग, 200 से अधिक गाडिय़ां तोड़ीं
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बड़ी खबर
कसोल। धार्मिक पर्यटन नगरी मणिकर्ण में पंजाब के पर्यटकों ने हुड़दंग मचाया। इस दौरान 200 से अधिक पार्क की गई गाडिय़ों को भी इन लोगों ने तोड़-फोड़ डाला। इस घटना से मणिकर्ण में स्थिति सोमवार को तनावपूर्ण रही। सी.पी.एस. एवं कुल्लू सदर से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर, डी.सी. आशुतोष गर्ग और एस.पी. साक्षी वर्मा ने मणिकर्ण का दौरा किया तथा स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर पूरी स्थिति पर चर्चा की। लोगों ने बैठक में बताया कि पंजाब के कुछ श्रद्धालु रात को मणिकर्ण आए। मणिकर्ण में फागली उत्सव भी चल रहा है और इलाके के देवी-देवता मणिकर्ण पहुंचे हैं। इस मौके पर आसपास के सैंकड़ों लोग भी मणिकर्ण आए। रात को पंजाब के श्रद्धालुओं ने बीयर पीकर हुड़दंग मचाया और बीयर की खाली बोतलें माता के मंदिर की ओर फैंकी। इस पर स्थानीय युवाओं ने उन श्रद्धालुओं को रोकना चाहा तो श्रद्धालु भड़क गए। उन्होंने मणिकर्ण बाजार में डंडों और तलवारों के साथ तोड़-फोड़ शुरू कर दी। बस अड्डे के पास उन्होंने सड़क किनारे पार्क 200 से अधिक गाडिय़ों के साथ भी तोड़-फोड़ की। पूरे प्रकरण से माहौल तनावपूर्ण रहा।
वहीं डी.जी.पी. हिमाचल प्रदेश संजय कुंडू और डी.जी.पी. पंजाब गौरव यादव ने भी इस विषय पर चर्चा की। डी.जी.पी. ने कहा कि मणिकर्ण धार्मिक स्थल है, वहां पर किसी भी तरह की गलत हरकतें नहीं होनी चाहिए। पंजाब पुलिस को भी कहा गया है कि हिमाचल आते समय पंजाब के श्रद्धालुओं को जागरूक करें, ताकि वे देवभूमि शांतिपूर्वक आएं। एस.पी कुल्लू साक्षी वर्मा ने कहा कि मणिकर्ण में सभी मंदिर कमेटियों के पदाधिकारियों, गुरुद्वारा से संबंधित लोगों व पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई है। बैठक में सभी को कहा गया है कि वे पर्यटकों को जागरूक करें और धार्मिक स्थल के नियम भी बताएं। पंजाब के कुछ पर्यटकों द्वारा दुव्र्यवहार के कारण घटना हुई है, वहीं उन्होंने हुड़दंग भी मचाया इनकी सी.सी.टी.वी. फुटेज से पहचान की जा रही है। मणिकर्ण में पर्यटक सीजन के मद्देनजर अतिरिक्त जवानों की भी तैनाती की है। कुल्लू सदर हलके से भाजपा प्रत्याशी रहे नरोत्तम ठाकुर ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था चिंतनीय है। मणिकर्ण में जिस तरह से यह घटना हुई वह शर्मसार करने वाली है। प्रदेश सरकार, प्रशासन और पुलिस ने समय रहते ऐसी घटनाओं से निपटने के इंतजाम नहीं किए और इसी कारण गाडिय़ां टूटी और नुक्सान हुआ जिसकी भरपाई लोगों को खुद करनी पड़ेगी। होली और फागली उत्सव व श्रद्धालुओं की आमद को लेकर पहले पुलिस चाक-चौबंद होती तो इस नुक्सान व तनाव से बच सकते थे।
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