हिमाचल प्रदेश

सदन ने पारित किया विधेयक, हिमाचल में अब धर्म परिवर्तन पर होगी 10 साल की सजा

Gulabi Jagat
13 Aug 2022 2:29 PM GMT
सदन ने पारित किया विधेयक, हिमाचल में अब धर्म परिवर्तन पर होगी 10 साल की सजा
x
अनुसूचित जाति और अन्य आरक्षित वर्ग के लोग अगर धर्म परिवर्तन करते हैं तो उनको किसी तरह का आरक्षण नहीं मिलेगा. इसके अलावा अगर वे धर्म परिवर्तन की बात छिपाकर आरक्षण की सुविधाएं लेते हैं तो ऐसे में उन्हें 8 से 10 साल तक सजा और 50,000 से एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा. हिमाचल सरकार धार्मिक स्वतंत्रता कानून-2019 को सख्त करने जा रही है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक-2022 सदन में प्रस्तुत किया. विधानसभा में 10 विधेयक पेश किए, जिनमें से एक पारित किया गया. नौ विधेयक शनिवार को पारित होंगे.
संशोधित विधेयक के पारित होने पर हिमाचल में जबरन, कपटपूर्ण तरीके और विवाह के समय जाति छिपाने का खुलासा होने पर सजा का प्रावधान किया है. संशोधित कानून के प्रावधानों के मुताबिक सामूहिक धर्म परिवर्तन जिसमें दो व इससे अधिक लोगों का एक साथ कपटपूर्ण अथवा बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करवाने की स्थिति में 7 से 10 साल तक कारावास का प्रावधान होगा. संशोधित कानून के मसौदे के मुताबिक किसी व्यक्ति द्वारा अन्य धर्म में विवाह करने व ऐसे विवाह के समय अपने मूल धर्म को छिपाने की स्थिति में भी तीन से 10 साल तक के कारावास का प्रावधान होगा. कानून में एक से डेढ़ लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है. धर्म की स्वतंत्रता कानून के प्रावधानों के तहत मिली किसी भी शिकायत की जांच पुलिस उप निरीक्षक से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा. सत्र न्यायालय में इसकी सुनवाई होगी.
2013-14 में बढ़े खर्चों के निपटारे के लिए सदन में विनियोग विधेयक पारित
प्रदेश की संचित निधि में से वित्तीय वर्ष 2013-14 में कतिपय सेवाओं के लिए उस वक्त के लिए प्राधिकृत राशि से अधिक रकम को व्यय करने के लिए 474.86 करोड़ रुपये की धनराशि को प्राधिकृत किया गया. शुक्रवार को इसके लिए हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2022 को सदन में पारित किया गया.
Next Story