हिमाचल प्रदेश

शिक्षकों-छात्रों की घटती-बढ़ती संख्या पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय सख्त, स्कूलों का रिकार्ड खंगालेगा शिक्षा विभाग

Gulabi Jagat
8 March 2023 9:17 AM GMT
शिक्षकों-छात्रों की घटती-बढ़ती संख्या पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय सख्त, स्कूलों का रिकार्ड खंगालेगा शिक्षा विभाग
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धर्मशाला
प्रदेश में 3194 स्कूलों में छात्रों की संख्या में एकमात्र छात्र व 250 के करीब स्कूलों में छात्रों की संख्या जीरो होने के बाद प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय अब सख्ते में आ गया है। इसके चलते 200 जीरो छात्र संख्या वाले स्कूलों को बंद कर दिया गया है। वहीं अब शिक्षा निदेशालय की ओर से छात्रों व शिक्षकों की संख्या का रिकार्ड खंगालने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिसमें कई प्राइमरी स्कूलों में छात्रों की संख्या दो ही है, जबकि शिक्षक चार है, ऐसे सभी स्कूलों को रिकार्ड जिला के सभी उप-निदेशकों को तैयार करने के निर्देश प्रारंभिक शिक्षा निदेशक शिमला घनश्याम चंद ने जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसदी दाखिला आरक्षित वर्ग को आगामी शैक्षणिक सत्र में देना अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं इसमें निजी स्कूलों को 25 फीसदी दाखिले को लेकर सूचना पट्ट व स्कूल के बाहर बोर्ड लगाकर इस जानकारी को आम लोगों तक पहुंचाने की भी जिम्मेदारी दी गई है, जिसे लेकर शिक्षा निदेशालय व उपनिदेशकों की ओर से सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। वहीं प्रारंभिक निदेशक ने प्राइमरी एजुकेशन में बच्चों की क्लास लर्निंग पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। कई बच्चों को आगामी कक्षा में होने के बाद अपनी पहली कक्षा के किसी भी सवाल व ज्ञान नहीं रहता है, इसे दुरुस्त किए जाने को कहा गया है। प्राइमरी स्कूलों के साथ लगती आंगनबाड़ी केंद्रों को भी मर्ज कर लिया जाएगा। जबकि स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से आगामी शैक्षणिक सत्र में स्कूलों में तीसरी व पांचवीं कक्षा के लिए शुरू किए जाने वाले संस्कृत और वैदिक गणित विषय पर संशय ही देखने को मिल रहा है।
अब तक इस संबंध में प्रांरभिक शिक्षा विभाग से कोई संपर्क ही नहीं किया गया है। ऐसे में शिक्षा निदेशक ने भी इस बात को लेकर अनविज्ञता जताई है। ऐसे में अप्रैल माह में नए सत्र से शुरू होने वाले विषयों को लेकर किताबें व पाठयक्रम तैयार करने वाले बोर्ड व स्कूलों में अध्यापन करवाने वाले शिक्षा विभाग के आपसी सामजंस्य को लेकर भी बड़े सवाल उठ रहे हैं। उधर, हिमाचल प्रदेश प्रारंभिक शिक्षा निदेशक घनश्याम चंद ने बताया कि राज्य में जर्झर हालत में चल रहे स्कूलों को जल्द ही गिराने संबंधी औपचारिक्ताओं को सरल कर उन्हें निपटाया जाएगा। साथ ही स्कूलों के नए भवन बनाने व मरम्मत कार्य किए जाने के लिए भी सरकार से बात कर कार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कई सरकारी स्कूल अपने स्तर पर ही बेहतरीन कार्य कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने परौर स्कूल का जिक्र करते हुए बताया कि 300 के करीब छात्र संख्या छात्रों की शिक्षकों के अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाने पर हुई है। उन्होंने बताया कि निजी स्कूलों में 25 फीसदी आरक्षित वर्ग को दाखिले के निर्देश दिए गए हैं, इसकी रिपोर्ट उन्हें जमा करवानी होगी। एडमिशन न देने वाले स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। एचडीएम
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