हिमाचल प्रदेश

टीचर्स के पद खाली, हर साल 1100 करोड़ रुपए सरेंडर कर रहा शिक्षा विभाग

Gulabi Jagat
13 Aug 2022 7:18 AM GMT
टीचर्स के पद खाली, हर साल 1100 करोड़ रुपए सरेंडर कर रहा शिक्षा विभाग
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हिमाचल न्यूज
शिमला
हिमाचल में सबसे बड़ा सरकारी महकमा शिक्षा विभाग हर साल अपने बजट में से 1100 करोड़ सरेंडर कर रहा है। इसका खुलासा विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने किया है। इस समिति के अध्यक्ष विधायक रमेश धमाला हैं और उनकी ओर से विधानसभा में शुक्रवार को रखे गए प्रतिवेदन से यह जानकारी सामने आई है। समिति ने इतनी धनराशि सरेंडर करने पर हैरानी जताते हुए शिक्षा विभाग से नए सिरे से जवाब मांगा है। हालांकि पैसा सरेंडर करने के कारणों पर विभाग ने विधानसभा कमेटी में बताया है कि यह पैसा टीचर्स की सैलरी का है। ज्यादातर बजट सैलरी कंपाउंड कंपोनेंट में ही विभाग को मिलता है और फील्ड में शिक्षकों के पद खाली हैं। कैपिटल वर्क में मिलने वाला पैसा कभी सरेंडर नहीं होता, बल्कि यह कम पड़ जाता है। विभाग ने कमेटी में यह तर्क दिया कि जैसे-जैसे पोस्ट भर जाएंगी बजट सरेंडर होना भी बंद हो जाएगा। इसीलिए विधानसभा कमेटी ने सिफारिश की है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में जो राशि सरेंडर हुई है, उसका सारा रिकॉर्ड कमेटी में रखा जाए।
कमेटी ने यह भी कहा कि शिक्षा विभाग का लीगल सेल इनएफिशिएंट है। विभाग का हर मुद्दा कोर्ट जाता है और हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ विभाग का भी अपील नहीं करता। इसके कारण भर्तियों के मामले हमेशा लटके रहते हैं। इसलिए लीगल सेल को ठीक किया जाए। कमेटी ने यह सुझाव भी दिया है कि जब पैसा सरेंडर ही करना है तो बजट की सैंक्शन भी सैलरी कंपोनेंट में कम ली जाए। शुक्रवार को मानसून सत्र में चंबा से कांग्रेस विधायक आशा कुमारी के सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने भी बताया कि राज्य में जेबीटी के 4009 पद खाली हैं और इन्हें इसलिए नहीं भरा जा सका, क्योंकि कोर्ट में मामला चल रहा है। हालांकि अब जिस तरह से हाई कोर्ट के निर्देश आए हैं, कमीशन और बैच वाइज भर्तियों को लेकर प्रक्रिया तेज की जाएगी। लेकिन बात सिर्फ यही नहीं रुकती। शिक्षा विभाग में न सिर्फ नई भर्तियों के मामले बल्कि प्रमोशन के जरिए भरे जाने वाले पदों के मामले भी खाली हैं। विधानसभा में हेड टीचर और सेंटर हेड टीचर की रिक्तियों को लेकर रखे गए आंकड़े इसका प्रमाण है।
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