हिमाचल प्रदेश

कांग्रेस में टिकट का पैमाना केवल सर्वे नहीं होना चाहिए : कुलदीप राठौर

Shantanu Roy
9 Aug 2022 10:00 AM GMT
कांग्रेस में टिकट का पैमाना केवल सर्वे नहीं होना चाहिए : कुलदीप राठौर
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सोलन। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर सर्वे के आधार पर टिकट देने से इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि टिकट आबंटन के लिए केवल सर्वे ही पैमाना नहीं होना चाहिए। उम्मीदवार की जीत की क्षमता और पार्टी के प्रति समर्पण भी टिकट के लिए आधार होना चाहिए। कुलदीप सिंह राठौर ने विशेष बातचीत में बताया कि सर्वे जीत की गारंटी नहीं होती। ऐसे बहुत से उदाहरण हैं, जब सर्वे गलत साबित हुए हैं। जिला कांग्रेस व ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं की राय के साथ-साथ भावनाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। राठौर का कहना है कि वह पार्टी हाईकमान को प्रदेश में जिताऊ उम्मीदवारों का फीडबैक भी देंगे, क्योंकि साढ़े 3 वर्ष तक वह पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने पार्टी को बूथ स्तर पर मजबूत बनाया। इसी का ही परिणाम है कि पार्टी पहले 4 नगर निगम चुनावों में सोलन व पालमपुर में जीतने में कामयाब रही। उपचुनाव में तो इतिहास ही रच दिया।
पार्टी नेताओं को गुटबाजी से बचने की नसीहत
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उनके समय में उनकी कार्यकारिणी छोटी थी। अब विधानसभा सभा चुनाव होने हैं, इसके मद्देनजर हाईकमान ने प्रदेशाध्यक्ष के साथ-साथ 4 कार्यकारी अध्यक्ष बनाए हैं। इसके अलावा कई अन्य कमेटियों का गठन भी किया है। इससे कांग्रेस की विधानसभा चुनाव जीतने की राह और आसान हो गई है। उन्होंने पार्टी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि गुटबाजी से बचें। विधानसभा चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि कांग्रेस पार्टी संगठित होकर चुनाव लड़ेगी तो जीत पक्की है। इसमें कोई दोराय भी नहीं है। कांग्रेस पार्टी संगठन बहुत मजबूत है। मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी में वैसे तो कोई वर्चस्व की जंग नहीं है। पार्टी को अभी सत्ता में आना है। किसे मुख्यमंत्री बनाना है यह फैसला हाईकमान पर छोड़ देना चाहिए।
जयराम सरकार का कार्यकाल निराशाजनक
कुलदीप राठौर ने जयराम सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि साढ़े 4 वर्ष का कार्यकाल निराशाजनक रहा है। महंगाई व बेरोजगारी बढ़ने के साथ-साथ अफसरशाही ही हावी रही। हालत यह है कि मुख्यमंत्री की घोषणाएं भी इस सरकार में पूरी नहीं हो रही हैं। ठियोग से चुनाव लडऩे पर पूछे गए सवाल पर उनका कहना था कि यह पार्टी हाईकमान को तय करना है कि उन्हें चुनाव लडऩा या नहीं। वह एक कार्यकर्ता के रूप में हाईकमान के निर्णय का पालन करेंगे।
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