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श्रीदेव आदि ब्रह्मा के पास है मंडी रियासत की सुरक्षा की जिम्मेदारी

Shantanu Roy
22 Feb 2023 9:58 AM GMT
श्रीदेव आदि ब्रह्मा के पास है मंडी रियासत की सुरक्षा की जिम्मेदारी
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मंडी। श्रीदेव आदि ब्रह्मा उत्तरशाल टिहरी राजतंत्र के समय से ही मंडी रियासत की सुरक्षा करते आए हैं। अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के दौरान देवता अंतिम दिन शहर की परिक्रमा कर आटा फैंक कर राज्य की सुरक्षा के लिए कार बांधते हैं। कारदार झाबे राम ने बताया कि एक समय की बात है कि राज्य में बीमारी फैल गई और राजा ने सभी देवताओं को बीमारी ठीक करने के जिए आमंत्रित किया, लेकिन श्रीदेव आदि ब्रह्मा ने ही बीमारी खत्म करने के लिए हामी भरी। देवता ने मंडी रियासत को कार बांधते हुए आटा फैंका और बीमारी खत्म हो गई। तभी से मंडी रियासत की सुरक्षा के लिए यह परंपरा निभाई जा रही है। इसके साथ ही देवता पराशर में भी कार बांधते हैं और मंदिर में जाकर विधिवत पूजा कार्य करने के उपरांत वापस आते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में श्रीदेव आदि ब्रह्मा के 3 गुरों को 15-20 किलो आटा और 3 कपड़े मिलते हैं।
इस दौरान शहर में सुरक्षा बांधने का कार्य आरंभ हो जाता है। देवता के 2 भंडार गृह टिहरी और मशौरी और 3 मंदिर राला, टिहरी व मशौरी में हैं। आषाढ़ संक्रांति को पराशर गांव का फेरा होता है, उसके पश्चात झील की परिक्रमा होती है। अंतर्राष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव में भाग लेने के लिए सैंकड़ों देवी-देवता मंडी पहुंचते हैं, लेकिन 6 देवियां ऐसी हैं जो राजमहल के निरोल में रहती हैं। ये देवियां बाहर नहीं निकलती हैं और लोग इनके वहीं दर्शन करते हैं। इन 6 देवियों में बगलामुखी, श्रीदेवी बूढ़ी भैरवा पंडोह, श्रीदेवी काश्मीरी माता, श्री धूमावती व मां पंडोह शामिल हैं। बता दें कि राजतंत्र के समय राजमहल में रानियां इन्हीं देवियों की सेवा में तत्पर रहती थीं,लेकिन सदियों पुरानी इस परंपरा का आज भी निर्वहन किया जा रहा है। मंडी रियासत की 6 क्षेत्रों से आने वाली ये देवियां परदे में रहती हैं और राजमहल के अंदर ही इनकी पूजा-अर्चना होती है।
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