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शिमला : प्रदेश के सरकारी स्कूल औषधीय पौधों की सुगंध से महकेंगे। विद्यार्थी औषधीय पौधों का महत्व भी जान सकेंगे। शिक्षा विभाग प्रदेश के 75 सरकारी स्कूलों में हर्बल गार्डन बनाने जा रहा है। आयुष मंत्रालय के नेशनल मेडिसिन प्लांट बोर्ड ने इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी है और 39.75 लाख रुपये का बजट भी स्वीकृत किया है।
हर्बल गार्डन बनाने के लिए केंद्रीय मंत्रालय ने उच्चतर शिक्षा विभाग को पत्र कर कहा है कि हर्बल गार्डन केवल उन्हीं स्कूलों में बनेंगे जहां पर पानी की पर्याप्त सुविधा व सुरक्षा दीवार होगी। 18 लाख रुपये हर्बल गार्डन के लिए, जबकि 21 लाख रुपये चार वर्ष के लिए पौधों की देखरेख पर खर्च होंगे।
प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में कम से कम एक स्कूल का चयन करना अनिवार्य किया है। 10 वर्ष तक हर्बल गार्डन की देखभाल करने की शर्त पर मंत्रालय ने बजट दिया है। प्रस्ताव पास होने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी उपनिदेशकों को हर्बल गार्डन विकसित करने की संभावनाओं को लेकर जानकारी देने को कहा है।
जिलों से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद निदेशालय की ओर से स्कूलों की सूची आयुष विभाग के माध्यम से केंद्र को भेजी जाएगी। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अमरजीत शर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को औषधीय पौधों की जानकारी आसानी से मिलेगी। औषधीय पौधों जैसे नीम, आंवला, तुलसी आदि से विभिन्न बीमारियों का घरेलू उपचार की जानकारी दी जाएगी।