हिमाचल प्रदेश

शिलाई की बेटी पुष्पा ने साउथ एशियन गेम्स में भारत को दिलाया गोल्ड

Gulabi Jagat
22 April 2023 12:30 PM GMT
शिलाई की बेटी पुष्पा ने साउथ एशियन गेम्स में भारत को दिलाया गोल्ड
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धर्मशाला: परिवेश, परिस्थितियां, गांव-शहर, अमीरी-गरीबी ये तमाम दुश्वारियां बदत्तर मानसिक बीमारी के सिवाए और कुछ नहीं हैं। आज आपको पुष्पा से रू-ब-रू करवाएंगे। वही पुष्पा, जिसे ‘दिव्य हिमाचल एक्सीलेंस अवार्ड’ देने जा रहा है। पुष्पा जब ग्यारह साल की थी, तो उसे पता चल चुका था कि उसका जुनून क्या है। पांचवीं कक्षा की इस छात्रा को शौक था कबड्डी खेलने का। और परिवार ने पीठ पर हाथ रख दिया। बस फिर क्या दिन और रात, पुष्पा के सपने में कबड्डी की रेड और दिमाग में विजयी भाव तारी रहा।
ग्यारह साल की पुष्पा राणा ने पांचवीं कक्षा में पहली स्टेट कबड्डी चैंपियनशिप खेली। अगले पांच साल तक इस होनहार के खेल में गजब का निखार आया और दसवीं क्लास में उसने प्रोफेशनल कबड्डी कोर्ट में पुख्ता कदम रखे। खेल का यह सिलसिला चल निकला और सिरमौर का मिल्लाह गांव देश-दुनिया के लिए जानूं हो गया। अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी पुष्पा राणा को आप गूगल पर सर्च कर सकते हैं। उपलब्धि एक दिन का नहीं, पूरी जिंदगी का खेल है, पुष्पा राणा इसी मूलमंत्र पर चलते हुए आज हिमाचल सिरमौर और शिलाई के नाम की पताका देश-दुनिया में फहरा रही हैं। साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड जीत चुकी पुष्पा अब चीन में होने जा रहे एशियन मुकाबले-2023 के लिए पसीना बहा रही हैं। दसवीं कक्षा से लेकर अभी तक पुष्पा का ठिकाना साई सेंटर धर्मशाला रहा है।
मौजूदा समय में एमए इंग्लिश में अध्ययन भी कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से कबड्डी के हुनर सीखते हुए चार बार जूनियर नेशनल, पांच बार यूनिवर्सिटी गेम्स, चार बार नेशनल गेम्स, खेलों इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स, सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में हिमाचल टीम के कप्तान होते हुए सिल्वर मेडल दिलाने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेपाल में साउथ एशियन गेम्स में भाग लेकर भारत को गोल्ड मेडल दिलाया। पुष्पा राणा की अब तक की उपलब्धियों की बात करें, तो उन्होंने एक अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल साउथ एशियन गेम्स नेपाल, 12 नेशनल गोल्ड मेडल, चार सिल्वर और तीन ब्रांज मेडल जीते हैं। (एचडीएम)
गोल्ड जीतना लक्ष्य
अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी पुष्पा राणा ने बताया कि अब उनका लक्ष्य एशियन गेम्स में बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत के लिए गोल्ड मेडल जितने का है। उन्होंने बताया कि अब तक उनके खेल में बेहतरी प्रदर्शन उनके माता-पिता व कोच से मिले प्रशिक्षण के कारण ही संभव हो पाया है। परिवार व पिता ने हमेशा खेल में आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया है।
एनसीओई में सिलेक्ट
राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी प्रतियोगिताओं व खेलों इंडिया में अपने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन के बलबूते उनका चयन नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस धर्मशाला में कबड्डी सेंटर में हुआ है। जहां पर उन्हें अंतरराष्ट्रीय कबड्डी आयोजनों के लिए बेहतरीन कोचों की ओर से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। साथ ही खेलों में बेहतर किए जाने के लिए केंद्र की ओर से स्कॉलरशिप भी प्रदान की जा रही है। वहीं मौजूदा समय में एशियन गेम्स चाइना-2023 के लगातार दो नेशनल कैंप में भाग ले चुकी है। कबड्डी की सबसे बड़ी चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने के लिए कड़ा अभ्यास कर रही है।
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