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बैंक खाते से आधार नंबर नहीं जोड़ने पर हिमाचल प्रदेश के 13,091 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति जारी होने पर रोक लग गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय और उच्च शिक्षा निदेशालय ने इन विद्यार्थियों को फिलहाल वर्ष 2022-23 की छात्रवृत्ति राशि देने से इनकार कर दिया है। अनुसूचित जाति के प्री और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का लाभ पाने से ने विद्यार्थी वंचित रह सकते हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों-कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को पात्र विद्यार्थियों के आधार नंबर जल्द बैंक खातों से जुड़वाने के निर्देश जारी किए हैं।
उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों, निजी और सरकारी स्कूलों-कॉलेजों के प्रिंसिपलों सहित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और रजिस्ट्रार को आधार नंबर से बैंक खातों को जोड़ने के लिए विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए भी कहा है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 के दौरान प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जाति के 7,269 विद्यार्थियों और पोस्ट मैट्रिक योजना के तहत इसी वर्ग के 5,822 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जिस बैंक में विद्यार्थी ने खाता खुलवाया है वहां जाकर आधार नंबर को बचत खाते से जुड़वाया जा सकता है।
छात्रवृत्ति से जुड़ी जानकारियां साझा नहीं करने की अपील
उच्च शिक्षा निदेशालय ने छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को किसी अन्य शिक्षण संस्थान के साथ अपने बैंक खाता नंबर, आधार नंबर और किसी भी प्रमाणपत्र को साझा नहीं करने को भी कहा गया है। बीते दिनों निदेशालय को शिकायत मिली है कि साइबर ठग छात्रव़ृत्ति राशि हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। प्रदेश में स्थित एक शिक्षण संस्थान को फाेन कर छात्रों के आधार, फोन नंबर, बैंक खातों और शैक्षणिक दस्तावेजों की जानकारी मांगी गई। संस्थान ने जानकारी नहीं दी और निदेशालय को इस बारे में सूचित किया। इसी कड़ी में निदेशालय ने सिर्फ अधिकारिक मेल आईडी पर ही जानकारियां साझा करने के निर्देश जारी किए हैं।
केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाले छात्रवृत्ति राशि को डीबीटी के माध्यम से विद्यार्थियों के बैंक खातों में दिया जाना अनिवार्य किया गया है। केंद्र सरकार के इस संदर्भ में निर्देश सख्त हैं