हिमाचल प्रदेश

समलैंगिक विवाह को मान्यता देश के लिए एक बहुत बड़ा संकट होगा: शांता कुमार

Shantanu Roy
9 April 2023 9:16 AM GMT
समलैंगिक विवाह को मान्यता देश के लिए एक बहुत बड़ा संकट होगा: शांता कुमार
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पालमपुर। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने कहा कि यदि देश में समलैंगिक विवाह को मान्यता मिलती है तो यह धर्म और संस्कृति प्रधान देश के लिए एक बहुत बड़ा संकट होगा। इससे भारत की पूरी सांस्कृतिक और धार्मिक चेतना को बहुत बड़ी चोट लगेगी, ऐसे में देश के सभी विद्वान और संगठन इस विषय पर गंभीरता से विचार करें और प्रमुख संगठनों को सर्वोच्च न्यायालय के सामने अपना मत व्यक्त करना चाहिए। शांता कुमार ने यह प्रतिक्रिया उस समय दी जब समलैंगिक विवाह की अनुमति को लेकर एक मामला सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है तथा एक विशेष पीठ का गठन इस मामले को सुनने के लिए किया गया है और इसी महीने सर्वोच्च न्यायालय में इस पर विचार सुने जाएंगे। शांता कुमार ने बताया कि विश्व के बहुत से देशों में समलैंगिक विवाह एक अपराध है और कुछ देशों में इस पर मौत की सजा है।
बहुत से देशों में अपराध नहीं है, भारत में समलैंगिकता पहले अपराध था परंतु अब अपराध नहीं है। यद्यपि शांता कुमार ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भारत सरकार ने समलैंगिक विवाह को स्वीकृति न देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय से कहा है। वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी इसका विरोध किया है परंतु भारत में बहुत से लोग समलैंगिक विवाह को स्वीकृति प्रदान करवाना चाहते हैं। बकौल शांता कुमार इस ब्रह्मांड की रचना करने वाले ने पुरुष और नारी में परस्पर आकर्षण पैदा किया है। इस आकर्षण के कारण ही पुरुष और नारी का मिलन होता है और उससे सृष्टि होती है। यदि मिलन का यह आकर्षण न होता तो सृष्टि नहीं हो सकती थी। विवाह वह जिससे नया सृजन हो, समलैंगिक मिलन को विवाह नहीं कहा जा सकता। शांता कुमार ने कहा कि इस विकृति को समाज ने कभी मान्यता नहीं दी। यह एक विकृति अर्थात एक बीमारी है, बीमारी का उपचार किया जाता है उसे सम्मान और मान्यता नहीं दी जाती। शांता कुमार ने कहा कि समलैंगिक विवाह को मान्यता के बाद यदि कुछ युवा लड़के बारात लेकर एक लड़के से विवाह करके उसे लाना चाहेंगे तो यह एक बेहूदा नजारा होगा।
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