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हिमाचल में टिकट फाइनल होते ही भाजपा में बगावत शुरू हो गई है. आलाकमांन पर दबाब बनाने के लिए शक्ति प्रदर्शन किए जा रहे हैं. प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा के धर्मशाला से मौजूदा विधायक विशाल नेहरिया की टिकट काटकर राकेश चौधरी को दी तो भाजपा मंडल विरोध पर उतर आया. शिमला शहर से शहरी विकास मंत्री की टिकट बदलने पर कार्यकर्ता भ सामूहिक इस्तीफ़ा देने की चेतावनी दे रहे हैं. कांगड़ा ज्वाली से टिकट न मिलने पर अर्जुन ठाकुर बाग़ी हो गए है.
नड्डा के गृह क्षेत्र बिलासपुर से भाजपा नेता की टिकट काटकर त्रिलोक जमवाल को देने से विधायक सुभाष शर्मा बग़ावत पर उतर आए हैं. मंत्री महेंद्र सिंह की जगह उनके बेटे रजत ठाकुर को टिकट मिली तो बेटी बंदना गुलेरिया ने अपने इस्तीफे सहित भाजपा धर्मपुर मंडल के कार्यकर्ताओं का एक साथ इस्तीफ़ा दे दिया. इसी तरह नालागढ़ व चम्बा से टिकट बदलने पर भाजपा में घामसान मचा हुआ है.
पहले राजधानी शिमला की बात कर लेते है. जहां शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज का शिमला शहरी से टिकट बदलकर उन्हे कसुम्पटी विधानसभा चुनाव लड़ने भेजा गया है. भाजपा शिमला मंडल के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज के घर पर जुटकर सीट बदलने का विरोध कर रहे हैं. शिमला मंडल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने जब शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य किए, तो आखिर किस आधार पर उन्हें उनकी सीट बदली गई.
कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज का कहना है कि पार्टी ने सोच-समझकर उन्हें टिकट दी है, लेकिन कार्यकर्ताओं में टिकट को लेकर नाराजगी है. उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता उनके साथ आप नेता के साथ जुड़े हुए हैं. ऐसे में उनकी बात सुनना भी जरूरी है. सुरे भारद्वाज की जगह शिमला शहर से संजय सूद को टिकट दिया गया है.
सदर चंबा से पवन नैयर का टिकट कटने के बाद भाजपाइयों में घमासान मच गया है. नैयर के पक्ष में चंबा भाजपा मंडल, नप अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, पार्षदों समेत पंचायत भाजपा पदाधिकारियों ने पार्टी हाईकमान को 24 घंटों में टिकट न बदलने पर सामूहिक त्यागपत्र देने की चेतावनी दे डाली हैहै. राजनीति के जानकार विस क्षेत्र चंबा से पवन नैयर की टिकट कटने से असमंजस की स्थिति में हैं. चम्बा से भाजपा ने पवन नैयर की जगह इंदिरा कपूर को उम्मीदवार बनाया है.
नालागढ़ विस क्षेत्र से भाजपा की टिकट कांग्रेस से आए लखविंद्र राणा को मिलते ही घमासान मच गया है, पूर्व विधायक केएल ठाकुर ,भाजपा मंड़ल समेत जिला व प्रदेश के पदाधिकारीयों ने बगावत कर दी है. लखविंद्र राणा को टिकट दिए जाने के विरोध में नालागढ़ पार्टी के मंडल समेत तमाम जिला व प्रदेश कार्यकारिणी के 140 पदाधिकारियों ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है. केएल ठाकुर नेे कहा कि समर्थकों व जनता की राय लेने के बाद आजाद चुनाव लड़ेंगे.उन्होंने कहा कि मेरी विचारधारा किसी दूसरे का हक मार कर आगे आने की नही है ,इसलिए आजाद उ मीदवार के तौर पर चुनाव लडूंगा और 21 को नामाकंन भरकर दावेदारी पेश करुंगा.
उधर मुख्यमंत्री के गृह जिला मंडी में भी बगावत होने लगी है. जय राम सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे महेंद्र सिंह की बेटी बंदना गुलेरिया ने भी बगावत कर दी है. उन्होंने अपने ही भाई रजत ठाकुर के खिलाफ़ मोर्चा खोलते हुए समर्थकों सहित पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. बंदना ने महिला मोर्चा महामन्त्री पद से इस्तीफा दे दिया है. भाई को टिकट मिलने को लेकर नाराज़ बंदना ने फेस बुक में लिख "परिवारवाद में हर बार बेटियों की ही बलि क्यों ली जाती है?
हिमाचल भाजपा में 11 मौजूदा विधायकों सहित एक मंत्री का टिकट कटा है. हालांकि मंत्री महेंद्र सिंह की जगह उनके ही बेटे को टिकट दिया गया है. टिकट को लेकर विरोध कांग्रेस में भी है लेकिन भाजपा के मुकाबले बहुत कम, जिसकी वजह ये है की कांग्रेस ने अधिकतर सीटों पर पुराने चेहरों पर ही दांव खेला है. हाँ अभी कांग्रेस की 22 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है. हर पांच साल बाद सत्ता परिवर्तन करने वाले राज्य में भाजपा में बड़े स्तर पर हो रही बगावत रिवाज़ बदलने की चाह में रोड़ा डाल सकती है.
Gulabi Jagat
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