हिमाचल प्रदेश

बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त, तस्वीरों में देखें तबाही

Admin4
31 July 2022 6:29 PM GMT
बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त, तस्वीरों में देखें तबाही
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न्यूज़क्रेडिट;अमरउजाला

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है। कांगड़ा के मुल्थान के भुज्लिंग में बादल फटने से 20 बीघा जमीन पर उगाई गई किसानों की नकदी फसलें गोभी, मूली, धनिया आदि बर्बाद हो गईं। वहीं, कुल्लू में भारी बारिश से ब्यास नदी में आई बाढ़ से मनाली के बाहंग में 30 घर और दुकानें खाली करवानी पड़ीं। मंडी के दवाड़ा में ब्यास का पानी चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे पर आने से यातायात बाधित रहा। ऊना के अंबोटा में 11 साल के बालक को नाले में बहने से बचा लिया गया।

रविवार को राजधानी शिमला सहित कांगड़ा, कुल्लू, धर्मशाला, बिलासपुर, नाहन और मंडी में झमाझम बादल बरसे। कुल्लू के वशिष्ठ बिहाल में हेलीपैड क्षतिग्रस्त हो गया। यहां गोशाल में लकड़ी का पुल बह गया। ब्यास के बीच बने टापू में फंसे तीन लोगों को राफ्ट से रेस्क्यू किया गया।

लारजी डैम के गेट खोलने से ब्यास नदी उफान पर रही। उधर, कांगड़ा के नगरोटा सूरियां में भी खड्ड में ट्रैक्टर ट्राली बह गए। तेलिंग नाले में बाढ़ आने से मनाली-लेह मार्ग दो घंटे तक बंद रहा।

बारिश के चलते प्रदेश में 44 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं, जबकि 100 बिजली के ट्रांसफार्मर भी ठप हो गए हैं। इनमें मंडी में ही 95 ट्रांसफार्मर ठप हैं, जिला कुल्लू में सबसे ज्यादा 21 सड़कों पर यातायात बंद है।

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 4 अगस्त तक भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। भूस्खलन से कुल्लू-आनी हाईवे-305 भी एक घंटे तक अवरुद्ध रहा।

लाहौल में भारी बारिश के चलते डोहरनी नाले और दरेड़ नाले में बाढ़ और भूस्खलन से ग्रांफू-काजा और उदयपुर-पांगी मार्ग अवरुद्ध हो गया है।

लाहौल प्रशासन ने सैलानियों व आम लोगों को नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है। ऊना में दौलतपुर चौक-ऊना सड़क मार्ग पर दो वैकल्पिक मार्ग व पुल बह गए। इससे यातायात बाधित हो गया।

कहां कितना रहा तापमान (डिग्री सेल्सियस में)

बिलासपुर 24.0

हमीरपुर 23.4

चंबा 22.7

मंडी 22.2

ऊना 21.8

नाहन 21.5

सोलन 20.4

शिमला 16.4

धर्मशाला 16.2

केलांग 12.4

कहां कितनी बारिश हुई (मिलीमीटर में)

धर्मशाला 137

नयना देवी 62

मशोबरा 41

मंडी 35

डलहौजी 32

शिमला 18

ऊना 16

लाहौल घाटी के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश के साथ बर्फ के फाहे भी गिरे। इससे घाटी में ठंड में इजाफा हुआ है। बारिश से सेब ओर नाशपाती के सीजन पर भी असर पड़ रहा है।



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