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लोगों को बायकॉट का अधिकार, अगर फिल्म अच्छी होती तो Boycott Lal Singh Chaddha का नहीं होता असर
शिमला: एक्टर अनुपम खेर इन दिनों अपने घर शिमला (Anupam Kher in Shimla) में हैं. जहां सोमवार को एक प्रेस मीट के दौरान आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा को लेकर चल रही कंट्रोवर्सी (Boycott Lal Singh Chaddha) पर उन्होंने खुलकर अपनी बातें रखीं. अनुपम खेर ने कहा कि अच्छी फिल्म अपना रास्ता खुद ढूंढती है, अगर फिल्म अच्छी होती तो वह फ्लॉप नहीं (Anupam kher on Laal Singh Chaddha) होती. उन्होंने कहा कि फिल्म का बायकॉट करने का अधिकार लोगों के पास है, इसको 'फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन' कहते (boycott is freedom of expression) हैं.
अनुपम खेर ने कहा कि लोगों को फिल्म अच्छी लगती है या बुरी, यह लोग खुद डिसाइड करते हैं. ऐसे में बायकॉट का जो ट्रेंड चला हुआ है, वह एक तरह से सही है. कश्मीर फाइल्स का भी कुछ लोगों ने बायकॉट करने की कोशिश की थी, लेकिन सभी ने देखा कि यह फिल्म सबसे ज्यादा चली. लोगों ने इसे बहुत पसंद किया है.
फिल्म अच्छी होती तो... फिल्म लाल सिंह चड्ढा पर अनुपम खेर ने कहा कि बायकॉट का फिल्म पर कोई असर नहीं पड़ता है. आज से कुछ साल पहले लोग चाहते थे कि उनकी फिल्म को लेकर कोई कॉन्ट्रोवर्सी हो जाए ताकि फिल्म चल (Anupam kher latest Statement) जाए. अच्छी फिल्म किसी ना किसी तरह से अपना रास्ता ढूंढ ही लेती है. अनुपम खेर ने कहा कि अगर फिल्म अच्छी होती तो बायकॉट से कोई फर्क नहीं पड़ता. अनुपम खेर ने कहा कि हो सकता है कि लोगों को फिल्म पसंद नहीं आई. क्योंकि बायकॉट करने से 5 या 10 फीसदी लोग फिल्म देखने नहीं गए होंगे लेकिन जो लोग फिल्म देखने गए हैं वो जरूर कहते कि फिल्म अच्छी है और देखनी चाहिए. इसलिये मैं कहता हूं कि अच्छी चीज किसी ना किसी तरह अपनी राह ढूंढ लेती है.
आमिर खान पर अनुपम खेर ने कहा कि (Anupam kher on aamir khan) उन्होंने साल 2015 में असहिष्णुता को लेकर एक बयान दिया था. उसके बाद भी उनकी दंगल फिल्म खूब चली थी, इसी तरह उनकी पीके फिल्म भी खूब चली. लेकिन अब लोगों को चाहे उनके पुराने बयानों को लेकर हो या फिर सीरिया में फिल्म की शूटिंग करने को लेकर हो बायकॉट किया. सबको अभिव्यक्ति की आजादी है और अगर किसी ने फिल्म का बायकॉट किया है तो ये उनका (boycott is freedom of expression) अधिकार है.
आखिर आमिर खान का बायकॉट क्यों हुआ: बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान (Anupam kher on Laal Singh Chaddha) वैसे तो विवादों से दूर रहते हैं, लेकिन साल 2015 में दिए गए एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने एक विवादित बयान दिया था. जिसके बाद कई मौकों पर आमिर खान को यह सफाई देनी पड़ी थी कि हमारे बयान का मतलब गलत निकाला गया है. हालांकि इसके बावजूद भी सोशल मीडिया पर आमिर खान को देश विरोधी लिखकर ट्रोल किया गया. बता दें, आमिर खान ने साल 2015 में नई दिल्ली में रामनाथ गोयनका एक्सीलेंस इन जर्नलिज्म अवार्ड्स में बोलते हुए कहा था कि वह देश में होने वाली घटनाओं से 'चिंतित' महसूस करते हैं और उनकी पत्नी किरण राव ने तो उन्हें यहां तक सुझाव दिया था कि उन्हें देश छोड़ देना चाहिए.उन्होंने कहा था, 'जब मैं किरण से घर पर चैट करता हूं तो वह कहती हैं, 'क्या हमें भारत से बाहर चले जाना चाहिए?' किरण के लिए यह एक बड़ा बयान है, उसे अपने बच्चे के लिए डर है, उसे डर है कि हमारे आस-पास का माहौल क्या होगा, वह हर दिन अखबार खोलने से डरती हैं. ये मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि पिछले साल आमिर खान (Laal Singh Chaddha Controversy) तुर्की के प्रेसिडेंट की पत्नी के साथ नजर आए थे. इसके बाद भी आमिर खान की खूब आलोचना हुई थी और सोशल मीडिया पर वो खूब ट्रोल हुए थे. दरअसल तुर्की अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के खिलाफ रहा है. खासकर पाकिस्तान और कश्मीर के मुद्दे पर वो हमेशा भारत का विरोध और पाकिस्तान का समर्थन करता रहा है.