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हिमाचल प्रदेश
छह फीसदी ब्याज देने के दिए आदेश, हाई कोर्ट ने खारिज की सरकार की अपील
Gulabi Jagat
12 Jan 2023 11:07 AM GMT
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शिमला
सेवानिवृत्ति के बाद नियुक्त लोक सेवा आयोग के चेयरमैन और सदस्यों को बिना पेंशन काटे पूरी सैलरी मिलेगी। प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार की अपील को खारिज करते हुए उसे आदेश दिए कि वह प्रार्थियों की सैलरी का बकाया एकल पीठ के आदेशानुसार छह फीसदी ब्याज सहित अदा करे। न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इस मामले से जुड़ी अपील और अन्य याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश पारित किए। मामले के अनुसार विभिन्न सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त होने के पश्चात लोक सेवा आयोग में चेयरमैन और सदस्य के पदों पर नियुक्ति पाने वालों को सरकार पेंशन काट कर वेतन देती आ रही है।
इन्हें मिलने वाला वेतन वित्तायुक्त को मिलने वाली सैलरी के बराबर देने का प्रावधान है। याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल बीएस ठाकुर, प्रेम चंद कटोच, शैलेंद्र निगम, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर लोकिंदर सिंह ठाकुर, अरविंद कॉल, डा. मान सिंह, सेवानिवृत्त मेजर जनरल डीवीएस राणा, मोहन लाल चौहान, मीरा वालिया और परदीप सिंह चौहान ने याचिकाएं दायर कर सैलरी से पेंशन काटने के प्रावधान को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी। प्रार्थियों का आरोप था कि वे संवैधानिक पद पर नियुक्त हुए थे और उनके वेतन को सेवा में रहते हुए पाई गई अंतिम सैलरी से कम नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने प्रार्थियों की दलीलों से सहमति जताते हुए कहा कि प्रार्थियों को सरकारी नौकर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि वे संवैधानिक पद पर तैनात होते हैं। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद उन्हें पेंशन के साथ-साथ वितायुक्त के बराबर की सैलरी मिलेगी और सरकार को बकाया राशि पर छह फीसदी ब्याज भी देना होगा।
Gulabi Jagat
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