हिमाचल प्रदेश

कामगार बोर्ड से बाहर होंगे मनरेगा वर्कर

Shantanu Roy
12 Sep 2023 10:15 AM GMT
कामगार बोर्ड से बाहर होंगे मनरेगा वर्कर
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शिमला। हिमाचल में भवन निर्माण एवं कामगार बोर्ड से मिलने वाले लाभ से मनरेगा वर्कर बाहर होने जा रहे है। इसकी वजह भारत सरकार का 2017 में लिया गया वह फैसला है, जिसमें मनरेगा कामगारों को भवन निर्माण एवं कामगार बोर्ड में रजिस्ट्रेशन से बाहर कर दिया है। हिमाचल में 2017 से 2022 के बीच इस फैसले को लागू नहीं किया है और इस अवधि में मनरेगा के 129840 कामगारों को दिए 156 करोड़ के वित्तीय लाभ पर भी आपत्ति लगी है। इस आबंटन पर कैग का ऑडिट ऑब्जेक्शन लगने के बाद हिमाचल सरकार को अब जवाब देना पड़ रहा है। इस मामले को पिछले महीने हिमाचल भवन निर्माण एवं कामगार बोर्ड की बैठक में चर्चा के लिए लिया था। स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शामिल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में यह तय किया गया कि इस पूरे मामले में एक बार विधि विभाग से सलाह ले ली जाए। इसके बाद कामगार बोर्ड ने अब विधि विभाग को फाइल भेजी है। हालांकि इसी मामले में एक बार पहले भी राय ले गई थी और विधि विभाग ने मनरेगा कामगारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाने का सुझाव दिया था।
दरअसल 2017 से पहले कामगार बोर्ड में ऐसे किसी भी वर्कर को रजिस्टर किया जा सकता था, जिसने 90 दिन के कार्य दिवस पूरे किए हों। हिमाचल ने 50 दिन काम करने वालों को भी इसमें ले लिया था। इस कारण शुरू में ही मनरेगा के कामगार भवन निर्माण एवं कामगार बोर्ड में रजिस्टर होना शुरू हो गए थे, लेकिन वर्ष 2017 में भारत सरकार ने जॉब गारंटी होने और दोनों के एक्ट अलग-अलग होने के कारण मनरेगा कामगारों को इस बोर्ड से बाहर कर दिया। उसके बाद बोर्ड ने ही राज्य के श्रम विभाग से इस बारे में राय ली थी। लेकिन तब श्रम विभाग ने मनरेगा कामगारों के रजिस्ट्रेशन पर रोक नहीं लगाई। इसी के बाद यह गलती हुई और फिर भारत सरकार के निर्देशों के आधार पर ऑडिट में 2022 में 156 करोड़ के खर्चे पर ऑब्जेक्शन लग गया। अब मामला विधि विभाग को भेजा है। हिमाचल में मनरेगा का काम कई अन्य राज्यों के मुकाबले अच्छा चलता है। सरकार 700 करोड़ से ज्यादा का खर्चा हर साल सामान्य स्थितियों में भी कर लेती है। इस बार प्राकृतिक आपदा के बाद घरों को हुए नुकसान और डंगे गिरने के बाद इनका काम मनरेगा में जोड़ दिया है, लेकिन मनरेगा कामगारों के लिए यह झटका ही होगा कि भवन निर्माण एवं कामगार बोर्ड के तहत उन्हें पंजीकृत नहीं किया जा सकेगा।
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