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हिमाचल प्रदेश
भुंतर-गड़सा रोड पर अंधाधुंध कटिंग मामला : डैमेज कॉस्ट डालते ही ठेकेदार ने हटाई मशीनरी
Shantanu Roy
14 Aug 2022 9:10 AM GMT
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बड़ी खबर
भुंतर। भुंतर-गड़सा सड़क को चौड़ा करने के लिए मई महीने से की जा रही पहाड़ी की अंधाधुंध कटाई के काम को आखिरकार लोक निर्माण विभाग को रोकना ही पड़ा। काम रोकने के लिए पिछले 5 दिन से लिखित में देने पर अड़े लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार को शुक्रवार के दिन फोरैस्ट विभाग ने 12.6 लाख रुपए की डैमेज कॉस्ट डाली थी। वहीं वन मंत्री राकेश पठानिया ने भी ठेकेदार पर सख्त कार्रवाई की बात कही थी। इसके चलते शनिवार को स्पॉट पर कोई मशीनरी नहीं दिखाई दी। हालांकि लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक काम बंद करवाने को लेकर किसी तरह का कोई पत्र नहीं आया है।
सरकार और डीसी के निर्देश के बाद जांच के लिए काम को रोका गया है। उधर, फोरैस्ट विभाग के अधिकारियों कहना है कि वे भी चाहते हैं कि लोगों की मांग पर सड़क चौड़ी हो लेकिन विभाग को इसके लिए सारी प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए। वहीं यह भी सामने आ रहा है कि यहां पर पहले ही लैंड डायवर्जन हो चुकी है। फोरैस्ट विभाग जानना चाहता है कि कितनी कटाई की जाएगी, जिसका लोक निर्माण विभाग जवाब नहीं दे रहा था। उधर, भुंतर-गड़सा सड़क की हालत खस्ता होने से लोगों का भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। लोगों का कहना है कि दोनों विभागों के विवाद के चलते उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
एक्सियन ऑफिस से डायरैक्ट नहीं दे सकते रिप्लाई, सब डिवीजन को लिखा था
लोक निर्माण विभाग बजौरा के एक्सियन चमन सिंह ने कहा कि भुंतर-गड़सा सड़क पर पहाड़ी की कटिंग के काम को बंद करने के अभी तक कहीं से कोई निर्देश या लिखित में पत्र नहीं आया है। वन विभाग के पत्र का एक्सियन ऑफिस से डायरैक्ट रिप्लाई नहीं दे सकते। सब डिवीजन को इस बारे में लिखा था। डीसी के निर्देश पर वन विभाग को साइट की जांच करवाने के लिए काम रुकवाया गया है। जांच के बाद जल्द ही इसका सॉल्यूशन निकाल कर काम शुरू करवाया जाएगा।
3 बार मैंने एक्सियन को चिट्टी लिखी, डैमेज बिल भेजा तो रुकवाया काम
डीएफओ ऐश्वर्या राज ने कहा कि हम भी चाहते हैं सड़क चौड़ी हो। पहाड़ी की कितनी कटिंग की जाएगी, इसके लिए लोक निर्माण विभाग से काम को लेकर डॉक्यूमैंट मांगे थे। मई महीने से अब तक 3 बार एक्सियन को चिट्टी भेजी गई लेकिन कोई रिप्लाई नहीं आया। कर्मचारियों को धमकी दी गई। पुलिस में शिकायत दी तो उन्होंने भी 2 विभागों का मामला बताकर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब 12.60 लाख का डैमेज बिल भेजा तो काम रोक दिया गया है।
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