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हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से किलो के हिसाब से सेब की बिक्री को लेकर लागू किए कानून और 2 किलो की अवैध काट को बंद करने के आदेशों के बावजूद आढ़तियों और लदानियों की हड़ताल पर बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने कड़ा संज्ञान लिया है। रविवार को शिमला की भट्ठाकुफर फल मंडी में आढ़तियों और लदानियों की हड़ताल और पराला में बागवानों से 2 किलो की अवैध काट के बाद बागवानी मंत्री ने अल्टीमेटम दिया है।
मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि अब तक सरकार कानून तोड़ने वाले आढ़तियों और लदानियों से नरमी से पेश आ रही थी, अब पानी सिर से ऊपर जा रहा है। आढ़ती हमें कड़ी कार्रवाई के लिए विवश कर रहे हैं। अब मनमानी करने वाले कानूनी शिकंजे के लिए तैयार रहें। सरकार के आदेशों के बावजूद मंडियों में बागवानों से कार्टन के वजन के नाम पर 2 किलो की अवैध काट की जा रही है। सरकार ने साफ कर दिया है कि लदानी जो बोली बोलेंगे उसमें कार्टन का वजन भी शामिल रहेगा।
सरकार के आदेशों का मजाक उड़ा रहे आढ़ती : सोहन
हिमाचल सेब उत्पादक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सोहन सिंह ठाकुर ने कहा है कि आढ़ती सरकार के आदेशों का मजाक उड़ा रहे हैं। लदानियों को भड़काने का काम कर रहे हैं। ऐसे आढ़तियों के सरकार को तुरंत लाइसेंस रद्द करने चाहिए। पहले आढ़ती किलो के हिसाब से सेब बिक्री का विरोध कर रहे थे, अब अवैध काट पर अड़े हैं। दो किलो की काट से बागवानों को प्रति पेटी 50 से 300 रुपये तक नुकसान हो रहा है।
आढ़ती और लदानी मिलकर गिरा रहे दाम
संयुक्त किसान मंच के घटक संगठन छौहारा वैली एप्पल ग्रोवर सोसायटी ने सीजन शुरू होने के पहले ही हफ्ते में आढ़तियों और लदानियों द्वारा सेब के दाम गिराने का आरोप लगाया है। सोसायटी के अध्यक्ष संजीव ठाकुर का कहना है कि किलो के हिसाब से सेब बिक्री शुरू होने के बाद सोची समझी साजिश के तहत आढ़ती और लदानी सेब के दाम गिरा रहे हैं। सेब के प्रतिकिलो औसत दाम 100 रुपये से गिरा कर 40 से 50 रुपये कर दिया है।