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हिमाचल प्रदेश: टिम्बी का 'लक्ष्य' था अकेला योद्धा, तैयारी में एक चूक ने विजेता बनने से रोका
Gulabi Jagat
24 Jan 2023 4:27 PM GMT
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हिमाचल प्रदेश न्यूज
नाहन, 24 जनवरी : सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई के टिम्बी से संबंध रखने वाला "लक्ष्य रमौल" साधारण बालक नहीं है। सांस्कृतिक की बजाय जनजातीय प्रश्नों की तैयारी की गलती होने के कारण लक्ष्य को तीसरे स्थान पर खिसकना पड़ा। एमबीएम प्रश्नोत्तरी (MBM Quiz) प्रतियोगिता के 7वें सीजन के फिनाले तक पहुंचा 9वी कक्षा का "लक्ष्य रमौल" सीनियर वर्ग में एकल प्रतिभागी था।
क्विज में डीसी के हाथों पुरस्कृत होते लक्ष्य
चूंकि प्रतियोगिता के एक टीम में दो सदस्य हो सकते थे, लेकिन लक्ष्य ने अकेले ही प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता को जीतने का लक्ष्य भेदने का प्रयास किया। हालांकि, लक्ष्य सीनियर वर्ग में कुछ अंकों से पिछड़कर तीसरे स्थान पर रहा। लेकिन कोशिश जबरदस्त थी। फिनाले के दौरान भी वो केंद्र बिंदु बना हुआ था इसकी कई वजह थी। पहली ये कि वो अकेला ही भिड़ा हुआ था। दूसरा ये कि सामने शहरी क्षेत्र के निजी स्कूल के उम्र में बड़े प्रतिभागी थे। ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी स्कूल से दो कठिन राउंड पार करने के बाद फिनाले के मंच तक आत्मविश्वास के साथ पहुंचा था।
सीनियर वर्ग में तीसरा स्थान हासिल कर 15 हजार की राशि पर अकेले कब्जा किया है। पार्टनर होने की स्थिति में ये राशि दो में विभाजित हो जाती। हर सवाल पर जवाब देने की तत्परता व मासूमियत ने फिनाले में हर किसी का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया। अकेले लक्ष्य के सामने नाहन व पांवटा साहिब के सरकारी व निजी स्कूलों की टीमें थी। लेकिन लक्ष्य ने बड़ी ही तन्मयता से क्विज पर ध्यान केंद्रित किया हुआ था। 5 राउंड में लक्ष्य ने बड़ी सावधानी से जवाब दिए, लेकिन सांस्कृतिक राउंड में पिछड़ गया।
परिवार के साथ लक्ष्य
दरअसल, लक्ष्य ने तमाम 6 राउंड की तैयारी बारीकी से की थी, लेकिन सांस्कृतिक की बजाय जनजातीय प्रश्नों की तैयारी कर ली। इसका खुलासा लक्ष्य की मां ने करते हुए एमबीएम न्यूज नेटवर्क को बताया कि ये चूक उनसे ही हुई। मां रीना स्वयं एमए बीएड है साथ ही कमीशन की तैयारी में जुटी हैं। उन्होंने बताया कि सिलेबस को रिव्यू करते समय उन्होंने सांस्कृतिक की जगह हिमाचल की जनजातियों से संबंधित प्रश्न लक्ष्य को करवा दिए, जिससे वो सांस्कृतिक राउंड में पीछे रह गया।
खैर, रैंक मायने नहीं रखता, बल्कि जिस तरह से लक्ष्य ने तैयारी की, वो काबिले तारीफ है। लक्ष्य की मां के अनुसार लक्ष्य बहुत तीक्ष्ण बुद्धि का बालक है। चाहे स्कूल की पढ़ाई की बात हो या फिर अन्य किसी प्रतियोगिता की, हर जगह भागीदारी का प्रयास करता है। स्कूलों में होने वाली साईंस क्विज में भी बढ़चढ कर भाग लेता रहा है और 2-3 बार जिला स्तर तक पहुंचा है। उन्होंने बताया कि लक्ष्य के लिए कोई भी लक्ष्य निर्धारित कर दो, वह उसे पूरा करने का प्रयास करता है। पिता शिक्षा विभाग में डीपी के पद पर तैनात हैं, छोटी बहन दूसरी कक्षा में पढ़ रही है।
क्विज में लक्ष्य की एकल भागीदारी पर उन्होंने बताया कि वह चाहती हैं कि "लक्ष्य" आत्मनिर्भर बनें। सफलता उसकी अपनी हो, इसके लिए वो किसी पर निर्भर न रहे। बेटे को तीसरा स्थान मिलने पर भी मां को बेहद गर्व है। भविष्य के बारे में पूछे जाने पर लक्ष्य ने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई करनी है, क्योंकि उसे डाॅक्टर का पेशा पसंद है। क्विज से जीती गई राशि को खर्च करने का प्लान लक्ष्य ने नहीं किया है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क लक्ष्य के बेहतर भविष्य की कामना करता है।
Gulabi Jagat
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