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हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश: बाबा भलकू की स्मृति में साहित्यिक यात्रा
Gulabi Jagat
18 Aug 2022 10:51 AM GMT
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हिमाचल प्रदेश न्यूज
शिमला
ब्रिटिश हुकूमत में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले बाबा भलकू और अन्य कामगारों की स्मृति में विश्व धरोहर कालका-शिमला ट्रैक पर ट्वॉय ट्रेन में साहित्य का अनूठा संगम देखने को मिला। हिमालय साहित्य मंच ने चलती ट्रेन में साहित्य यात्रा निकाली जिसमें कहानी, संस्मरण, कविता, गीत, गजल व संगीत के कई सत्र आयोजित किए गए। 14 अगस्त को मंच के सदस्य लेखकों और देश के विभिन्न स्थानों से आए 15 प्रख्यात लेखकों, रंग कर्मियों और संगीतकारों ने बाबा भलकू के पुश्तैनी गांव झाझा जाकर उनकी छठी पीढ़ी के परिजनों से मुलाकात की। भलकू को ब्रिटिश सरकार द्वारा दिए गए कई प्रशंसा पत्रों और विशेषकर ओवरशियर की नियुक्ति के मूल पत्र का अवलोकन भी किया। वहीं हिमालय साहित्य मंच ने अपनी इस अनूठी यात्रा और आयोजन को आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित करते हुए रेलवे और प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि उनके पुश्तैनी प्राचीन घर को संरक्षित करके वहां तक रेलवे लाइन का निर्माण किया जाए, ताकि ब्रिटिश सरकार के बाद हिमाचल सरकार भी इस मजदूर को उचित सम्मान दे सके।
साथ ही रेलवे से यह भी मांग की कि शिमला में स्थापित बाबा भलकू संग्रहालय को और समृद्ध करके उसका उचित प्रचार-प्रसार किया जाए। भलकू परिवार के युवा किसान सुशील कुमार के आतिथ्य में एक गोष्ठी भी आयोजित की गई जिसमें दुर्गादत सहित भलकू के सभी परिजन उपस्थित रहे। चायल साहित्य परिषद और गांव के लोगों ने भी लेखकों से मुलाकात की। प्रदेश पर्यटन विकास निगम के कुफरी स्थित ललित कैफे के प्रबंधक दिलीप ठाकुर और धरोहर चायल पैलेस होटल के इंचार्ज विपिन जिशटु ने भी लेखकों के स्वागत में कोई कमी नहीं रखी। यह जानकारी हिमालय मंच के अध्यक्ष और इस यात्रा के सूत्रधार संयोजक एसआर हरनोट ने दी। गोष्ठियों में मलिक राजकुमार, नवनीत पांडे, सरिता कुलकर्णी, राजुरकर राज, रामकृष्ण शर्मा, सुभाष अग्रवाल, घनश्याम मैथिल, लखविंदर सिंह, दीप्ति सारस्वत, गुप्तेश्वरनाथ उपाध्याय, कौशल्या ठाकुर, दक्ष शुक्ला, जगदीश कश्यप, अनिल शर्मा नील, रत्नचंद निर्झर, अश्वनी कुमार, स्नेह नेगी, सुमन धंनजय, विरेंद्र कुमार, योगराज शर्मा, जगदीश हरनोट के साथ दो छात्र काव्यांश और कर्मण्य शामिल रहे।
Gulabi Jagat
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