हिमाचल प्रदेश

फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर मामले में हाईकोर्ट का संज्ञान

Shantanu Roy
8 July 2023 9:26 AM GMT
फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर मामले में हाईकोर्ट का संज्ञान
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शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के फर्जी प्रमाण पत्रों को लेकर की जा रही धीमी जांच पर एक बार फिर अपनी नाराजगी जाहिर की है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने 2 सप्ताह के भीतर मामले की जांच गंभीरता से करने के आदेश दिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि गंभीरता से जांच नहीं की जाएगी तो कोर्ट को मजबूरन एस.आई.टी. का गठन कर जांच करवानी पड़ेगी। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस स्टेशन औट जिला मंडी में दर्ज प्राथमिकी की जांच रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद उपरोक्त आदेश पारित किए। कोर्ट ने जांच की धीमी रफ्तार पर अपनी असंतुष्टि व्यक्त की। कोर्ट ने पाया कि इस मामले में संदिग्ध मुख्य आरोपी सुनील कुमार को हाईकोर्ट के आदेशों के बाद गिरफ्तार किया गया और उसे अग्रिम जमानत लेनी पड़ी। कोर्ट ने कहा कि इसके बाद अभी भी जांच में कोई गंभीरता नहीं दिखाई दे रही है।
कोर्ट ने जांच अधिकारी को 2 सप्ताह के भीतर आगामी कार्रवाई में गंभीरता लाने के आदेश दिए और अगली प्रगति रिपोर्ट 20 जुलाई को कोर्ट के समक्ष पेश करने के आदेश दिए। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत से जुड़े मामले में एन.आई.ओ.एस. के निदेशक ने विवादित सर्टीफिकेट को फर्जी बताया था। इसके पश्चात कोर्ट ने एन.आई.ओ.एस. के निदेशक से सुनवाई के दौरान पूछा था कि जब इंस्टीच्यूट के फर्जी सर्टीफिकेट का मामला उनके संज्ञान में आता है तो वे दोषी के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं। कोर्ट ने पूछा था कि क्या इंस्टीच्यूट की ओर से कोई आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाता है। इंस्टीच्यूट की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रदेश में उनके 36 आऊटलेट हैं, जहां पर्सनल कॉन्टैक्ट प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं।
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