हिमाचल प्रदेश

अंबुजा सीमैंट उद्योगों को बंद करने के मामले में अदानी कंपनी को हाईकोर्ट का नोटिस जारी

Shantanu Roy
6 Jan 2023 10:51 AM GMT
अंबुजा सीमैंट उद्योगों को बंद करने के मामले में अदानी कंपनी को हाईकोर्ट का नोटिस जारी
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बड़ी खबर
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने अदानी कंपनी द्वारा बंद की गई एसीसी और अंबुजा सीमैंट उद्योगों से जुड़े मामले में अदानी कंपनी को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाबतलब किया है। प्रार्थी ने इन कंपनियों को फिर से खोलने के निर्देशों की मांग को लेकर जनहित याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश एए सैयद और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रदेश सरकार और कंपनी प्रबंधन को भी नोटिस जारी किया। प्रदेश सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस मामले में वार्ता जारी है और आशा है कि एक या दो दिन के भीतर सकारात्मक परिणाम निकल जाएगा और सारी स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। कंपनी की ओर से भी कोर्ट को बताया गया कि जितना नुक्सान ट्रांसपोर्टरों और इससे जुड़े अन्य वर्ग के लोगों को हो रहा है, उससे कहीं अधिक नुक्सान उन्हें हो रहा है। मामले को आपसी बातचीत और सरकार के सहयोग से सुलझने की उम्मीद जताते हुए कंपनी प्रबंधन ने भी आशा प्रकट की कि 2 उद्योगों से जुड़े ट्रांसपोर्टर्स सकारात्मक पहल कर मामले को सुलझाने में मदद करेंगे। उल्लेखनीय है कि मालभाड़े को लेकर कंपनी प्रबंधन और ट्रक ऑप्रेटर्स के बीच विवाद चल रहा है।
विवाद न सुलझने पर कंपनी प्रबंधन ने 15 दिसम्बर से दोनों प्लांट बंद कर दिए थे। दोनों प्लांट को हाल ही में अदानी ग्रुप ने खरीदा है। कंपनी ने सीमैंट, क्लिंकर व कच्चे माल की ढुलाई में लगी ट्रक ऑप्रेटर्ज सोसायटियों से रेट कम करने को कहा था। कंपनी ने पत्र के माध्यम से कहा था कि वे मौजूदा रेट पर माल ढुलाई करने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि इसके कारण सीमैंट की उत्पादन लागत बढ़ रही है। इससे कंपनी को नुक्सान उठाना पड़ रहा है। प्रार्थी रजनीश शर्मा का कहना है कि कंपनी ने बिना पूर्व सूचना के इन उद्योगों को बंद कर दिया, जिससे हजारों लोगों के रोजगार पर गहरा प्रभाव पड़ा और अनेकों परिवारों पर विस्थापन का संकट आ गया है। दोनों उद्योगों में सीधे तौर पर 7500 के करीब ट्रांसपोर्टर जुड़े हैं, जिनके कारण सैंकड़ों पारिवारिक सदस्यों पर जीवन-यापन का संकट पैदा हो गया है। प्रार्थी ने आपसी समझौते से मामले को सुलझाने के पश्चात उद्योगों को शुरू करने के आदेशों की मांग की है। प्रार्थी ने यह भी मांग की है कि यदि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो प्रभावितों को पूर्व में सूचना दी जाए। मामले पर सुनवाई 12 जनवरी को निर्धारित की गई है।
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