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हिमाचल प्रदेश
नए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट का नोटिस जारी
Shantanu Roy
5 Jan 2023 11:48 AM GMT
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बड़ी खबर
शिमला। प्रदेश हाईकोर्ट ने मौजूदा सरकार की ओर से पिछली सरकार द्वारा खोले गए नए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने के आदेशों को चुनौती देने से जुड़े मामले में मुख्य सचिव और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव को नोटिस जारी किया। प्रार्थी सुरेश कश्यप ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार के फैसलों को रद्द करने के खिलाफ याचिका दायर की है। मुख्य न्यायाधीश अमजद ए सैयद व ज्योत्स्ना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के दौरान यह आदेश पारित किए। प्रार्थी की ओर से याचिका में यह आरोप लगाया गया है कि नई सरकार ने बिना कैबिनेट बनाए ही पूर्व सरकार द्वारा नए कार्यालयों को डिनोटिफाई करने का फैसला ले लिया जबकि कैबिनेट के फैसले को कैबिनेट ही रद्द करने की शक्ति रखती है। नई सरकार द्वारा जारी प्रशासनिक आदेशों से कैबिनेट के फैसले को निरस्त नहीं किया जा सकता।
याचिका में दलील दी गई कि नई सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत कार्य किया है। प्रार्थी ने राज्य सरकार के 12 दिसम्बर को जारी प्रशासनिक आदेश को निरस्त करने की प्रदेश उच्च न्यायालय से गुहार लगाई है। प्रार्थी का कहना है कि पूर्व सरकार ने सभी फैसले कैबिनेट के माध्यम से कानून के दायरे में रहकर लिए थे। 12 दिसम्बर को राज्य सरकार ने मेडिकल काॅलेजों को छोड़कर सभी विभागों के अधिकारियों को दिए गए सेवाविस्तार को समाप्त करने के आदेश पारित कर दिए। यही नहीं, नई सरकार ने निगमों व बोर्डों के अध्यक्षों व उपाध्यक्ष, सदस्यों व अन्य कमेटियों तथा शहरी निकायों में सदस्यों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन आयोग को छोड़कर सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और निकायों में चल रही सभी तरह की भर्ती प्रक्रिया को रोक लिया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल काॅलेजों और संस्थानों में की जा रही भर्तियों को नहीं छेड़ा गया। यही नहीं, जिन अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादले किए गए थे उन पर अमल न किए जाने का निर्णय लिया गया। प्रार्थी की ओर से यह आरोप लगाया गया है कि नई सरकार द्वेष की भावना से कार्य कर रही है।
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