हिमाचल प्रदेश

स्वास्थ्य विभाग! महिला के निधन के बाद परिजनों के कहने पर टीम ने घर पर किया आपरेशन

Gulabi Jagat
7 Aug 2022 8:28 AM GMT
स्वास्थ्य विभाग! महिला के निधन के बाद परिजनों के कहने पर टीम ने घर पर किया आपरेशन
x
नादौन
हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने पहली बार मरणोपरांत मृतक के घर जाकर आंखें कलेक्ट की। महिला के निधन के बाद परिजनों के कहने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर में मृतका का आपरेशन कर आंखें सुरक्षित निकाल कर टांडा भेजी। जानकारी के अनुसार अब तक हिमाचल प्रदेश में इससे पहले ऐसा कोई मामला नहीं आया है कि स्वास्थ्य विभाग ने घर जाकर मृतक की आंखें क्लेक्ट की हो। शुक्रवार देर शाम मधु जैन का देहांत हो गया और परिजनों ने उनकी आंखें दान करने का निर्णय लिया। इसके उपरांत हमीरपुर आई कलेक्शन सेंटर से आई चिकित्सकों की टीम ने मधु जैन के घर पहुंच कर शरीर से आंखे निकालने की प्रक्रिया को पूरा किया। आई कलेक्शन सेंटर बनने के बाद जिला का यह प्रथम मामला है जब आंखों को इस तरह सुरक्षित निकाला गया है। आई कलेक्शन टीम में डा. मुक्ता, डा. डोगरा, रितू और चालक विनीत शामिल रहे। गौर हो कि शुक्रवार रात शहर के वार्ड तीन के कारोबारी जिनेंद्र जैन की 65 वर्षीय पत्नी मधु जैन का अचानक निधन हो गया। जिनेंद्र जैन, उनके पुत्र स्वीकार जैन, पुत्री शेफाली जैन व पुत्रबधू शालिनी जैन ने निर्णय लिया कि मधु जैन की आंखें दान करना चाहते हैं, ताकि किसी के जीवन में उजाला हो सके।
उन्होंने प्रसिद्ध सामाजिक संस्था नादौन केयर फाउंडेशन के पदाधिकारी उदय जैन से संपर्क किया। रात करीब 12 बजे उदय जैन ने जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर आरके अग्निहोत्री से संपर्क किया, जिनकी सूचना पर आई कलेक्शन सेंटर के प्रभारी डा. अनिल वर्मा ने डाक्टर मुक्ता की अगवाई में एक टीम को नादौन के लिए रवाना कर दिया। रात करीब एक बजे डा. मुक्ता की टीम ने ऑपरेशन आरंभ किया और डेढ़ घंंटे के बाद आंखों को सुरक्षित निकाल लिया गया। शनिवार को मधु जैन का अंतिम संस्कार किया गया, उनके बेटे स्वीकार जैन ने मां की चिता को मुखाग्नि दी। मधु जैन अपने पीछे पति, एक बेटा व एक बेटी छोड़ गई है आरकेजीएमसी के नेत्र विभाग के एचओडी डा. अनिल शर्मा ने बताया कि मधु जैन की आंखों को सुरक्षित आई बैंक भेजा गया है। शुक्रवार रात को घर जाकर मरणोपरांत पार्थिव देह से आखों को सुरक्षित निकाला गया है। बॉडी का ब्लड सैंपल भी लिया गया था। स्क्रीनिंग करने के बाद आंखों को टांडा आई बैंक भेजा गया है। वहां से ही इन्हें जरूरतमंद को लगाया जाएगा। (एचडीएम)
Gulabi Jagat

Gulabi Jagat

    Next Story