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हिमाचल से था दिल का रिश्ता, मशोबरा में घर बनवाना चाहती थीं इंदिरा गांधी
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को पहाड़ों से खास लगाव था, शायद यही वजह है कि जब भी उन्हें मौका मिलता था तो वे परिवार के साथ हिमाचल पहुंच जाती थीं, बेटे राजीव गांधी के साथ वह कई बार हिमाचल आईं थीं, प्रदेश में उनका कनेक्शन भी बेहद खास है, 1971 में जब हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला तो इसकी घोषणा खुद तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने ही की थी. इसके अलावा 1972 में पाकिस्तान के साथ हुए शिमला समझौते की गवाह भी हिमाचल की धरती ही बनी थी.
मशोबरा में बनवाना चाहती थीं घर
इंदिरा गांधी राजनीति से रिटायर होने के बाद हिमाचल के मशोबरा में घर बनवाना चाहती थीं, पिछले दिनों हिमाचल में आयोजित रैली के दौरान प्रियंका गांधी ने इस बात का खुलासा किया था, उन्होंने बताया था कि दादी इंदिरा गांधी की ये निजी ख्वाहिश थी, वह इसे पूरा करतीं इससे पहले शहीद हो गईं, उनकी ख्वाहिश पूरी करने के लिए ही मैंने मशोबरा में घर बनवाया है.
हिमालय पर्वत पर बिखेरी गईं थी अस्थियां
इंदिरा गांधी को पहाड़ों से आध्यात्मिक लगाव भी था, बकौल प्रियंका गांधी, शहादत से पहले ही उन्होंने परिवार के सदस्यों को एक पत्र लिखा था कि उनकी अस्थियां सिर्फ संगम में प्रवाहित न की जाएं, बल्कि हिमालय के पहाड़ों पर बिखेर दी जाएं. प्रियंका गांधी के मुताबिक पिता राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी ये इच्छा पूरी भी की थी.
'मैं तो शुभकामनाएं देने आई हूं'
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 25 जनवरी 1971 को हिमाचल को पूर्ण प्रदेश का दर्जा देने की घोषणा की थी, उस समय शिमला के रिज मैदान में जनसभा का आयोजन हुआ था, ऐसा कहा जाता है कि हाड़ कंपा देने वाली उस ठंड में भी इंदिरा गांधी को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे, उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि 'हिमाचल के लोगों ने साहस और बहादुरी के साथ प्रदेश को मजबूत किया है, यह मिसाल है, मैं तो बस लोगों को शुभकामनाएं देने आई हूं
यशवंत परमार और वीरभद्र सिंह थे भरोसेमंद
इंदिरा गांधी जब भी हिमाचल दौरे पर आती थीं तो अक्सर उनके साथ सबसे भरोसेमंद लोगों में शुमार यशवंत परमार और वीरभद्र सिंह नजर आते थे, यशवंत परमार ने ही हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था, वह हिमाचल में पहले सीएम भी रहे और पूर्ण राज्य का दर्जा बनने के बाद भी इंदिरा गांधी ने सत्ता की कमान उन्हें ही सौंपी थी, वीरभद्र सिंह पहली बार 1983 में सीएम बने थे वह सर्वाधिक 6 बार प्रदेश के सीएम रह चुके हैं.
शिमला समझौते की यादें ताजा
1971 में भारत पाक युद्ध के बाद देश की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने पाक पीएम जुल्फिकार अली भुट्टो के साथ शिमला में ही समझौता किया था, इसे ही शिमला समझौते के नाम से जाना जाता है. समझौते से ही यह तय हुआ था कि भारत और पाकिस्तान अपने मसलों का समाधान शांतिपूर्ण तरह से करेंगे. शिमला समझौते की कई निशानियां आज भी राजभवन में मौजूद हैं, लेकिन आम लोगों तक इनकी पहुंच नहीं हो पाती. इसी समझौते के तहत भारत और पाक के बीच की सीजफायर लाइन को लाइन ऑफ कंट्रोल में बदला गया था. ये तय हुआ था कि भारत और पाक के बीच चल रहे मसलों में कोई तीसरा देश दखल नहीं देगा.