हिमाचल प्रदेश

70 हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों को डिनोटिफाई करने के फैसले पर सरकार ने लगाई रोक

Shantanu Roy
31 May 2023 9:38 AM GMT
70 हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूलों को डिनोटिफाई करने के फैसले पर सरकार ने लगाई रोक
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शिमला। प्रदेश सरकार ने 70 हाई व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों को डिनोटिफाई करने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। इनमें 34 हाई व 36 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल शामिल हैं। डिनोटिफाई किए गए स्कूलों की समीक्षा करने के बाद ही सरकार इस मामले में फैसला लेगी। जिन स्कूलों में 29 मई तक छात्र नामांकन के अनुसार छात्रों की निर्धारित संख्या है, उन स्कूलों को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा। इसके चलते सरकार ने इस पर रोक लगाई है। गौर हो कि सरकार ने हाई स्कूल में 20 और वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में 25 से अधिक छात्रों की संख्या तय की है। ऐसे में जिन स्कूलों में उक्त संख्या में छात्र होंगे, उन स्कूलों को डिनोटिफाई नहीं किया जाएगा। विभाग ने स्कूलों से 29 मई तक की इनरोलमैंट मंगवा ली है, जिसे सरकार को भी भेज दिया गया है। इसके अलावा विभाग ने चम्बा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर व सोलन जिले के संबंधित स्कूलों के प्रधानाचार्यों को अगले आदेशों तक स्टाफ को रिलीव न करने के निर्देश दिए हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार डिनोटिफाइड किए गए उन स्कूलों की समीक्षा करेगी और पुन: खोलने पर विचार करेगी, जिनमें विद्याॢथयों की निर्धारित संख्या है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने माध्यमिक विद्यालय के लिए 15, उच्च विद्यालय के लिए 20 तथा वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के लिए 25 छात्रों की संख्या का विशिष्ट मानदंड निर्धारित किया है। शीतकालीन अवकाश वाले स्कूलों के लिए विद्याॢथयों के नामांकन की अंतिम तिथि 31 मार्च, 2023 तथा ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले विद्यालयों के लिए 15 अप्रैल, 2023 निर्धारित की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने उक्त मानदंडों के आधार पर स्कूलों को डिनोटिफाई करने का निर्णय लिया है, लेकिन राज्य सरकार के ध्यान में यह आया है कि कुछ स्कूलों में अब विद्याॢथयों की निर्धारित संख्या पूरी हो गई है। इसलिए समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है, ताकि ऐसे स्कूलों को फिर से खोलने के लिए उचित निर्णय लिया जा सके। प्रदेश सरकार ने शिक्षा विभाग में विभिन्न श्रेणियों के लगभग 6000 पदों को भरने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंत्री ने कहा है कि भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम 6 महीनों में बिना किसी बजट प्रावधान के स्कूल और अन्य संस्थान खोले व स्तरोन्नत किए। इन संस्थानों को जारी रखने के लिए प्रतिवर्ष 5000 करोड़ रुपए के अतिरिक्त बजट की आवश्यकता होगी।
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