हिमाचल प्रदेश

धूमल बोले- AAP के नेता शिक्षा विभाग के जरिए मनीष सिसोदिया का कर रहे है बचाव

Gulabi Jagat
1 March 2023 9:16 AM GMT
धूमल बोले- AAP के नेता शिक्षा विभाग के जरिए मनीष सिसोदिया का कर रहे है बचाव
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दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर शराब घोटाले में सीबीआई की कार्रवाई पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सही करार दिया है. धूमल ने हमीरपुर में कहा कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग था.
लेकिन आम आदमी पार्टी के नेता शिक्षा विभाग के जरिए उनका बचाव करने का प्रयास कर रहे हैं. धूमल ने कहा हैरानी का विषय है कि आबकारी नीति में भ्रष्टाचार हुआ है. लेकिन बात शिक्षा विभाग की की जा रही है और आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार पर शिक्षा विभाग की दुहाई देना भी गलत है.
निवास स्थान समीरपुर में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आबकारी विभाग में भ्रष्टाचार के लिए पकड़ा गया है. विचित्र बात यह है कि उनके पास 18 विभाग है और आबकारी विभाग भी उनमें से एक है.
आम आदमी पार्टी के नेता यह मामला सामने आने के बाद मनीष सिसोदिया के शिक्षा मंत्री के तौर पर तारीफें कर रहे हैं. बेहतर होता कि शिक्षा का जवाब शिक्षा विभाग से और आबकारी नीति का जवाब आबकारी विभाग से दिया जाता.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा आबकारी विभाग में हुए भ्रष्टाचार पर आम आदमी पार्टी का कोई भी नेता औचित्य पूर्ण ध्यान नहीं दे पा रहा है. उन्होंने कहा कि तथाकथित तौर पर आबकारी नीति में जो भ्रष्टाचार हुआ है. इस मामले में जब तक न्यायालय का निर्णय नहीं आता है तब तक इसके पक्ष और विपक्ष में अधिक टिप्पणी करना उचित नहीं है.
हालांकि सीबीआई इस मामले में कार्रवाई कर रही है. सीबीआई ने मेरिट और अतिथियों के आधार पर ही कार्रवाई की है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा शराब पीने की जो आयु सीमा 25 से 21 वर्ष की गई है. उसकी भी आलोचना हो रही है. यह विद्यार्थियों के लिए सही नहीं है. इस तमाम मामले में अदालत की तरफ से जो निर्णय होगा. वहां सभी को मंजूर होगा.
प्रदेश कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर टिप्पणी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि एकदम से सभी कार्यालयों को बंद कर देना औचित्य पूर्ण नहीं लगता है. गुण दोष के आधार पर अलग से कार्रवाई की जा सकती थी. यदि एक अथवा दो संस्थान ऐसे खोले गए थे. तो उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी. इस मामले में ब्लैंकेट आर्डर निकाल देना सही प्रतीत नहीं होता है.
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