हिमाचल प्रदेश

कोऑपरेटिव मार्केटिंग बागवानों के लिए फायदेमंद: गोविंद ठाकुर

Gulabi Jagat
20 July 2022 12:00 PM GMT
कोऑपरेटिव मार्केटिंग बागवानों के लिए फायदेमंद: गोविंद ठाकुर
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गोविंद ठाकुर ने कहा
कुल्लू: कोऑपरेटिव मार्केटिंग बागवानों के लिए काफी फायदमंद हो सकती है. फल उत्पादक संघ को इस प्रकार के विपणन की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए आगे आना (Govind Singh Thakur in Kullu) चाहिए. यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बुधवार को मनाली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बागवानी भवन माहिली-पतलीकूहल में फल उत्पादक संघ के साथ आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए (Kullu Fruit Growers Association Meeting) कही. उन्होंने कहा कि कोऑपरेटिव मार्केटिंग के लिए बागवानों को भी सहयोग करना होगा ताकि सभी बागवानों से उनके उत्पादन का कुछ हिस्सा इस प्रकार की व्यवस्था में शामिल किया जाए.
कोऑपरेटिव मार्केटिंग में सीधे तौर पर सेब की बिक्री थोक में किसी एक या दो कंपनियों को की जा (Govind Singh Thakur on cooperative marketing) सकेगी. गोविंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों के हितों को लेकर संजीदा है और समय-समय पर उच्च स्तर पर बैठकें करके सेब के विपणन को सुचारू बनाने के प्रयास करती है. उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कार्टन पर जीएसटी 6 फीसदी कम करके सरकार द्वारा इसका खर्च वहन करने की घोषणा की है. यह बहुत बड़ी राहत है. उन्होंने बागवानों की कुछ बड़ी मांगों के मद्देनजर बैठक के दौरान ही बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने मोबाइल पर बात करके उनसे कुल्लू में फल उत्पादकों के साथ बैठक करने को आग्रह किया.
बागवानी मंत्री ने उनके आग्रह पर यह बैठक कुल्लू में आगामी 24 तारीख को रखी है. बैठक में फल उत्पादक संघ के अनेक मसले हल होने की बात भी गोविंद ठाकुर ने कही. इससे पहले उन्होंने एक बैठक उपायुक्त के साथ फल उत्पादकों की करवाने को कहा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह स्वयं सब्जी मंडी बंदरोल का दौरा करके यहां बागवानों व आढ़तियों के लिए सृजित की जाने वाली अतिरिक्त सुविधाओं का जायजा लेंगे. उन्होंने फल उत्पादक संघ की मांग पर 20 लाख रुपये बागवानी भवन परिसर के विस्तार व सब्जी मंडी के लिए देने की घोषणा की.
उन्होंने कहा कि कार्टन के डेढ़ व दो किलोग्राम बजन का मुद्दा जल्द सुलझा लिया जाएगा, ताकि बागवानों को किसी प्रकार का नुकसान मंडियों में सेब की तुलाई के समय न हो.वहीं इस दौरान फल उत्पादक संघ के अध्यक्ष महेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि संघ की स्थापना 1970 में की गई थी और उस समय 18 हजार परिवार इससे जुड़े थे. तब से लेकर संघ बागवानों के हितों के लिए कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि सेब से लदे ट्रक की दुर्घटना होने पर उत्पादक संघ इसका क्लेम अपनी निधि से वहन करता है. माल देरी से मंडियों में पहुंचने की भरपाई भी संघ करता है. देशभर में सेब के विपणन की व्यवस्था भी संघ करता है.
इसके अलावा दवाइयां, कार्टन इत्यादि को नो लॉस, नो प्रॉफिट आधार पर बागवानों को उपलब्ध करवाया जाता है. संघ बेसहारा पशुओं के चारे व पुनर्वास में भी योगदान कर रहा है. 42 लाख का चारा संघ ने बेसहारा पशुओं और गौसदनों को उपलब्ध करवाया है. अध्यक्ष ने कहा कि बागवानों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी संघ करता है. बागवानी विभाग के साथ मिलकर तीन सालों में 261 शिविरों का आयोजन किया है. आढ़तियों व सब्जी मंडियों में तालमेल स्थापित करके बागवानों को किसी भी प्रकार की ज्यादती से बचाने का प्रयास किया जाता है.
उन्होंने कहा कि जिले में लगभग एक करोड़ सेब के बॉक्स होने का अनुमान है. इसका सुचारू विपणन सुनिश्चित बनाने के लिए संघ निरंतर प्रयासरत है. उन्होंने चिंता जाहिर की है कि बागवानी में बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाने की जरूरत है, क्योंकि विदेशी सेब गुणवत्ता में भी अच्छा है और पैदावार में भी. कश्मीर से सेब 15 अगस्त तक मंडियों में दस्तक दे देगा जिससे यहां के बागवानों को बड़ा नुकसान (Govind Singh Thakur on apple production) होगा. उन्होंने कहा कि जिले में बागवानों को वैश्विक स्तर की सेब वैरायटी तैयार करने में अभी समय लगेगा. इसके लिए उन्होंने सरकार से रूट स्टॉक उपलब्ध करवाने को आग्रह किया है. उन्होंने एचपीएमसी के सीए स्टोर को कार्यशील बनाने के लिए मंत्री से आग्रह किया.

सोर्स: etvbharat.com

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