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बड़ी खबर
सोलन। प्रदेश में विधानसभा चुनाव खत्म होते ही सीमैंट के दाम फिर बढ़ गए हैं। प्रदेश में सीमैंट 5 रुपए प्रति बैग महंगा हो गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि महंगाई की मार यहां भी खत्म होने वाली नहीं है, क्योंकि 5 रुपए प्रति बैग दाम और बढ़ाने की तैयारी है। इस तरह से अगले कुछ दिनों में सीमैंट 10 रुपए प्रति बैग महंगा हो जाएगा। सोलन में सीमैंट की कीमत 440 रुपए प्रति बैग हो गया है। यदि पूरे प्रदेश की बात करें तो सीमैंट के दाम 440 रुपए से 500 रुपए प्रति बैग हो गए हंै। सीमैंट कंपनियों ने इस बार सीमैंट के दाम बढ़ाने के लिए चुनाव आचार संहिता का समय चुना है। इससे तो ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में स्थापित सीमैंट उद्योग विधानसभा चुनाव समाप्त होने का इंतजार कर रहे थे। चुनाव के दौरान रेट बढ़ाए होते हो हल्ला मच सकता था, लेकिन विधानसभा चुनाव के एक सप्ताह बाद महंगाई का डबल डोज दिया है। ऐसा नहीं है कि इस वर्ष सीमैंट कंपनियों ने पहली बार सीमैंट की कीमतों को बढ़ाया है।
अप्रैल में प्रदेश में स्थापित अल्ट्राटैक, ए.सी.सी. व अम्बुजा सीमैंट कंपनी ने सीमैंट के दाम 5 या 10 रुपए नहीं, बल्कि 30 से 35 रुपए प्रति बैग बढ़ाए थे। अभी आम आदमी इससे उभरा भी नहीं था कि सीमैंट 5 रुपए प्रति बैग फिर महंगा हो गया। हालांकि सीमेंट के दामों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। सीमैंट उद्योग इसी का फायदा उठा रहे हैं और मनमाने ढंग से पिछले कुछ समय से सीमैंट के दामों में बढ़ौतरी कर रहे हैं। सीमैंट के दाम जिलावार अलग-अलग हैं, क्योंकि परिवहन खर्चे के हिसाब से किसी जिले में दाम कम हैं तो किसी में अधिक हैं। पिछले करीब साढ़े 4 वर्षों में सीमैंट के दामों में 150 से 200 रुपए प्रति बैग की वृद्धि हुई है। स्थिति यह हो गई है कि पड़ोसी राज्यों में सीमैंट सस्ता है और जहां पर उत्पादन हो रहा है, उस राज्य में सीमैंट महंगा हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश सरकार ने सीमैंट उद्योगों पर शिकंजा कसने के लिए उद्योग निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने उद्योगों के खनन क्षेत्र के साथ सीमैंट प्लांट का निरीक्षण कर सरकार को अपनी रिपोर्ट भी भेजी थी। उसके बाद माना जा रहा था कि सीमैंट उद्योग मनमाने ढंग से दामों को नहीं बढ़ा सकते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद सीमैंट के दाम 2 बार बढ़ गए हैं।
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