हिमाचल प्रदेश

चौसकु कृषि विश्वविद्यालय में प्राकृतिक-जैविक खेती विषय पर बोले कृषि मंत्री, प्रयोगशाला से खेत तक पहुंचाएं शोध

Gulabi Jagat
10 Jun 2023 10:25 AM GMT
चौसकु कृषि विश्वविद्यालय में प्राकृतिक-जैविक खेती विषय पर बोले कृषि मंत्री, प्रयोगशाला से खेत तक पहुंचाएं शोध
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पालमपुर
कृषि विश्वविद्यालय और कृषि अनुसंधान केंद्र हमारे लिए कृषि वैज्ञानिकों की नर्सरी है। इन संस्थानों ने देश की कृषि की दिशा और दशा बदलने में सराहनीय प्रयास किए हैं। कृषि वैज्ञानिकों से अनुसंधान को प्रयोगशाला से खेत पर लाने का आह्वान किया ताकि किसानों को आर्थिक रूप में सुदृढ़ किया जा सके। यह बात कृषि एवं पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार ने चौसकु प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में प्राकृतिक एवं जैविक खेती पर तीन दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में शामिल होकर कही। सम्मेलन में देशभर से अढ़ाई सौ कृषि विशेषज्ञों और शोधार्थियों ने भाग लिया। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि, बागबानी और पशुपालन विकास सरकार की विशेष प्राथमिकता है और इन क्षेत्रों के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। चौसकु कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एचके चौधरी ने कहा कि मांग के अनुरूप काम किया जाना समय की आवश्यकता है ताकि उसके मुताबिक किसान काम करे। ऐसा होने से ही किसानों को सही रूप में लाभ मिलेगा।
समापन समारोह में विशेष अतिथि के रूप में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय उत्तराखंड के कुलपति डा. परमिंदर कौशल उपस्थित रहे। उन्होंने आयोजकों को जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर राष्ट्रीय सम्मेलन की बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन की सीधा लाभ किसानों को प्राप्त होगा।
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