हिमाचल प्रदेश

हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सभी दल जारी करेंगे प्रत्याशियों की सूची

Shantanu Roy
8 April 2023 9:11 AM GMT
हाईकोर्ट के निर्णय के बाद सभी दल जारी करेंगे प्रत्याशियों की सूची
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शिमला। नगर निगम शिमला के चुनाव को लेकर हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद राजनीतिक दलों की तरफ से प्रत्याशियों की सूची जारी करने का सिलसिला शुरू होगा। हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर 10 अप्रैल को सुनवाई होनी है। अब तक भाजपा, कांग्रेस और माकपा ने प्रत्याशियों के चयन को लेकर मंथन शुरू कर दिया है तथा आम आदमी पार्टी 8 व 9 अप्रैल को इसको लेकर बैठक करेगी। भाजपा की तरफ से शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें चुनाव मैदान में उतारे जाने वाले प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई। भाजपा में इस समय 1 वार्ड से 2 से 4 दावेदार सामने आ रहे हैं, जिस पर पार्टी जिताऊ प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारेगी। भाजपा के सह मीडिया प्रभारी करण नंदा ने कहा कि भाजपा नगर निगम चुनावों के लिए पूर्ण रूप से तैयार है। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास एक सशक्त नेतृत्व है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन चुनावों को जीतने के लिए हर प्रकार के हथकंडे अपना रही है। उधर, कांग्रेस 34 वार्डों में अपने प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया में जुट गई है।
इसी के तहत शनिवार को जिला ब्लॉक कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण की ओर से 4 वार्डों टुटू, मज्याठ, बालूगंज और कच्चीघाटी में अपने उम्मीदवार के चयन को लेकर कार्यकत्र्ताओं के साथ बैठक बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता लोक निर्माण मंत्री एवं शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह करेंगे। मौजूदा समय में ग्रामीण के इन 4 वार्डों में से 3 वार्डों में भाजपा का कब्जा है। केवल मज्याठ वार्ड में ही कांग्रेस के पार्षद चुनकर आए थे। कांग्रेस में भी बैठकों का दौर जारी है। पार्टी ने 10 व 11 अप्रैल को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाई है, जिसकी अध्यक्षता एआईसीसी सचिव एवं पर्यवेक्षक तेजेंद्र पाल बिट्टू करेंगे। कांग्रेस में अब तक अलग-अलग वार्डों से 65 से 70 लोगों ने अपनी दावेदारी जताई है। माकपा द्वारा भी वार्ड स्तर पर रणनीति तैयार की जा रही है तथा पार्टी ने सबसे पहले प्रत्याशियों के नाम की सूची जारी करने की बात कही है। उधर, आम आदमी पार्टी के प्रभारी गोल्डी कंबोज की अध्यक्षता में 8 व 9 अप्रैल को बैठक होनी है। राजनीतिक दल चुनावी रणनीति को तय करने के अलावा फर्जी वोट बनाए जाने को लेकर भी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से की जाने की संभावना है।
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