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सिरमौर में 1.69 करोड़ रुपये के गबन के आरोपों से घिरे पूर्व जिला कोषाधिकारी के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सिरमौर पुलिस ने इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया है। डीएसपी मुख्यालय मीनाक्षी भारद्वाज के नेतृत्व में गठित की गई एसआईटी इस मामले की जांच करेगी।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में 1.69 करोड़ रुपये के गबन के आरोपों से घिरे पूर्व जिला कोषाधिकारी के खिलाफ पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सिरमौर पुलिस ने इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया है। डीएसपी मुख्यालय मीनाक्षी भारद्वाज के नेतृत्व में गठित की गई एसआईटी इस मामले की जांच करेगी। साथ ही साक्ष्य भी जुटाएगी। पुलिस ने जांच के घेरे में आए बैंक खाते फ्रीज कर दिए हैं, जिसमें गबन की राशि ट्रांसफर किए जाने की संभावना जताई गई है। पुलिस ने संबंधित विभाग से कुछ अन्य दस्तावेज भी मांगें हैं, जिनके आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा सके। बीते रोज ही पुलिस ने पूर्व जिला कोषाधिकारी के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था। मामले को गंभीरते से लेते हुए पुलिस ने कुछ ही घंटों बाद एसआईटी का गठन कर जांच तेज कर दी है। बता दें कि हिपा में उपनिदेशक के पद पर तैनात सतीश कुमार पर 2012 से 2018 तक सिरमौर में जिला कोषाधिकारी के पद पर रहते हुए गबन के आरोप लगे हैं।
इस मामले में विभाग ने अपने स्तर पर जांच की, जिसमें सरकार को 1.69 करोड़ रुपये का चूना लगाने की बात सामने आई। आरोपी अधिकारी ने ई पेंशन सॉफ्टवेयर में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर पेंशनरों के फर्जी वित्तीय लाभ तैयार किए। पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) के खातों से फर्जी वित्तीय लाभ तैयार कर अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में जमा किए गए। मामला सामने आने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया है। निलंबन के बाद जिला कोषाधिकारी कार्यालय नाहन की ओर से पुलिस थाना में मामला दर्ज किया गया। पुलिस अधीक्षक सिरमौर ओमापति जम्वाल ने बताया कि पुलिस ने जांच तेज कर दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले में डीएसपी मुख्यालय की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर दिया है। जिन खातों में राशि ट्रांसफर की गई है, उन्हें फ्रीज कर दिया है।