हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में जायका के माध्यम से विकसित होंगे गुणवत्तापूर्ण प्रजातियों के 60 लाख पौधे : मुख्यमंत्री

Shantanu Roy
25 May 2023 9:14 AM GMT
हिमाचल में जायका के माध्यम से विकसित होंगे गुणवत्तापूर्ण प्रजातियों के 60 लाख पौधे : मुख्यमंत्री
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में जायका के माध्यम से 60 लाख गुणवत्तापूर्ण प्रजातियों के पौधे विकसित किए जाएंगे। वर्तमान में राज्य में लगभग 28 प्रतिशत हरित आवरण है और प्रदेश सरकार ने वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 30 फीसदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह बात उन्होंने बुधवार को शिमला में आयोजित जायका की वानिकी एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन परियोजनाओं (एनआरएम) की 3 दिवसीय 12वीं वार्षिक कार्यशाला को धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि पिछले 2 वर्षों में उन्नत तकनीकों की मदद से 4600 हैक्टेयर से अधिक भूमि पर पौधारोपण किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य भर में 72 नर्सरी का नवीनीकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल जैसे कृषि प्रधान राज्य में वन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जलवायु परिवर्तन पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने पर्यावरण हितैषी संसाधनों और समाधानों की खोज तथा वन संपदा को संरक्षित एवं बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने 7 जिलों में 460 ग्राम वन विकास समितियों और 900 से अधिक स्वयं सहायता समूहों के गठन के माध्यम से संयुक्त वन प्रबंधन गतिविधियों के सुदृढ़ीकरण के लिए परियोजना के प्रयासों की सराहना की। जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं से उत्पन्न जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से 15 हजार से अधिक व्यक्तियों को आजीविका गतिविधियों और वनों के सुधार के दृष्टिगत प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने कहा कि जायका द्वारा वित्त पोषित परियोजना हिमाचल को हरित राज्य बनाने की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री ने वन विभाग को परियोजना के दूसरे चरण की तैयारी शुरू करने तथा जो क्षेत्र पहले चरण में शामिल नहीं थे उन्हें सम्मिलित करने के लिए कहा।
जायका द्वारा आयोजित कार्यशाला में शिमला में बतौर मुख्यातिथि भाग लेते हुए सीपीएस सुंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि जायका परियोजना के अंतर्गत लगभग 45000 हैक्टेयर भूमि पर पौधारोपण जैसे कार्य किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश एक सुंदर प्राकृतिक स्थल होने के कारण यहां इकोटूरिज्म की अपार संभावना है। जायका परियोजना ईको टूरिज्म के दृष्टिकोण से योगदान देने में सहायक सिद्ध हो सकती है। बैठक में धर्मशाला से कृषि मंत्री चंद्र कुमार, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल, विधायक संजय रतन, भवानी सिंह पठानिया, केवल सिंह पठानिया और मलेंद्र राजन वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। शिमला से मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, जायका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि साइतो मित्सुनोरी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, प्रधान सचिव वन ओंकार चंद शर्मा, वन विभाग के मुखिया राजीव कुमार, जायका इंडिया के वरिष्ठ प्रतिनिधि वातानाबे जुन व मुख्य परियोजना निदेशक नागेश गुलेरिया सहित अन्य गण्यमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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