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हिमाचल प्रदेश
बारिश से शिमला में तबाही 150 पेड़ ढहे गाड़ियां भी दबीं घरों में घुसा मलबा
Tara Tandi
24 Aug 2023 9:06 AM GMT
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बल्देयां में हुए भूस्खलन में प्रवासी दंपती ढारे समेत मलबे में दब गया और दोनों की मौत हो गई है। मरने वाले झारखंड के जिला गुमला के गांव कैरागनी के रहने वाले 28 वर्षीय झालू ओरान और उसकी पत्नी 21 वर्षीय राकुमारी देवी हैं।
मूसलाधार बारिश ने हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला समेत जिलेभर में बुधवार को फिर कहर बरपाया। बल्देयां में हुए भूस्खलन में प्रवासी दंपती ढारे समेत मलबे में दब गया और दोनों की मौत हो गई है। मरने वाले झारखंड के जिला गुमला के गांव कैरागनी के रहने वाले 28 वर्षीय झालू ओरान और उसकी पत्नी 21 वर्षीय राकुमारी देवी हैं। शिमला शहर में भी पेड़ ढहने और भूस्खलन से मुख्य सड़कों समेत दर्जनों संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। शहर में 18 गाड़ियां भी मलबे में दब गई हैं। शहर में एक दिन में ही 250 से ज्यादा पेड़ ढह गए हैं। इसमें शहर में 110 और ग्रामीण वन मंडल में 140 पेड़ गिर गए हैं। अब तक बरसात में 750 से अधिक पेड़ गिर चुके हैं।
शहर के मालरोड समेत कई सड़कें नाले में तबदील हो गईं। संजौली में गैस एजेंसी के बाहर सड़क पर रखे सिलिंडर पानी में तैरने लगे। मालरोड पर खेल परिसर के पास एक पेड़ ढह गया। इससे दुकानों को नुकसान पहुंचा है। सर्कुलर रोड को खलीनी टुटीकंडी बाइपास से जोड़ने वाली बैम्लोई कनलोग सड़क धंस गई है। कनलोग चौक के पास लगाए डंगे पेड़ों समेत निचली ओर बाइपास सड़क पर जा गिरे। इससे दोनों सड़कें बंद हो गईं। मौके पर आधा दर्जन से ज्यादा पेड़ ढह गए हैं। कई और पेड़ ढहने का खतरा है। हिमलैंड के पास भी पेड़ ढहने से फुटपाथ टूट गया और वैकल्पिक सड़क ढह गई।
उपनगरों में बंद हुई सड़कें, रास्ते भी बंद
सुबह नौ बजे उपायुक्त आदित्य नेगी स्थिति का जायजा लेने सबसे पहले नाभा पहुंचे। नाभा में रॉयल होटल पर सुबह एक पेड़ गिर गया। पार्षद सिमी नंदा के अनुसार पेड़ से होटल की छत टूट गई और दीवारों को भी नुकसान पहुंचा है। मौके पर चार पेड़ और ढहने का खतरा पैदा हो गया है। भूस्खलन से नाभा 103 सड़क भी बंद हैं। पार्षद सरोज ठाकुर के अनुसार लक्कड़ बाजार में लेबर हास्टल और लकड़ी के डिपो को भी खतरा पैदा हो गया है। बुधवार को सड़क का पानी होटल कैपिटल में घुस गया। पटयोग में हाटेश्वरी मंदिर के समीप भूस्खलन से रास्ता बंद हो गया है। बीएसएनएल काॅलोनी में पानी घुस गया है। पार्षद निशा ठाकुर के अनुसार न्यू शिमला के सेक्टर चार में एक पेड़ ढह गया है। तीन और पेड़ डंगे सहित ढह सकते हैं। कैथू में भी अड्डा विला और चुंगी खाना के पास भूस्खलन से सड़क बंद है। बारिश के कारण आईजीएमसी नाला भी सुबह उफान पर आ गया है। इसका मलबा लक्कड़ बाजार सड़क पर पहुंच गया।
नगर निगम दफ्तर में घुसा पानी
भारी बारिश के चलते बुधवार को उपायुक्त कार्यालय परिसर स्थित नगर निगम दफ्तर में भी पानी घुस गया। स्वास्थ्य शाखा का दफ्तर पानी से लबालब हो गया। खलीनी में विहार सड़क बंद हो गई है। पूर्व पार्षद पूरनमल के अनुसार भूस्खलन से सड़क को खतरा पैदा हो गया है। पार्षद रचना शर्मा के अनुसार कसुम्पटी में कई घरों में मलबा घुसने से भारी नुकसान पहुंचा है। सांगटी के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में भी भूस्खलन हो गया है।
बस, ट्रक समेत 18 गाड़ियाें को नुकसान
कनलोग में बीयर से भरा ट्रक पलटा, एक कार को भी नुकसान
फागली में मलबे में दबी निजी बस, दो और गाड़ियों को नुकसान
रेडिसन होटल के पास बान के पेड़ ढहने से दो कारें दबी
विकासनगर में पेड़ ढहने दो गाड़ियों को नुकसान
बैनमोर में नवबहार चौक पर भूस्खलन की चपेट में आई दो गाड़ियां
संजौली पार्किंग के पास भूस्खलन में दबी दो गाड़ियां
संजौली स्मार्ट फुटपाथ धंसने से पांच गाड़ियों को नुकसान
उपायुक्त मौके पर जाकर कर रहे हैं निरीक्षण
उपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि भारी बारिश से नुकसान हो रहा है जहां से सूचनाएं मिल रही हैं वहां मौके पर जाकर स्थिति को संभाला जा रहा है। दर्जनों पेड़ गिरे हैं। भूस्खलन के कारण सड़केें बाधित हो रही हैं उन्हें खोला जा रहा है। प्रशासन पल-पल की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और टीमें मुस्तैद हैं।
शनान में भारी भूस्खलन, जान बचाकर भागे लोग
समरहिल की तरह राजधानी के शनान क्षेत्र में बुधवार सुबह भारी भूस्खलन हो गया। गनीमत यह रही कि इस बार जान और माल का कोई नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय लोगों के अनुसार सुबह करीब 11:00 बजे भारी बारिश के बीच अचानक नवबहार से भारी भूस्खलन हो गया। धमाके के साथ दर्जनों पेड़ मलबे के साथ निचली ओर स्थित शनान के रिहायशी इलाके में पहुंच गए। गनीमत रही कि लोगों ने इसे देख लिया। शोर मचाकर कई लोग मौके से भाग गए।
शनान में ही स्थानीय पार्षद कुलदीप ठाकुर का घर है। भूस्खलन के धमाके से इनका मकान भी हिल गया। पार्षद के अनुसार नवबहार के पास भारी मात्रा में पेयजल लाइनों में लीकेज का अंदेशा है। पहले भी यहां हल्का भूस्खलन हुआ था। अब पूरा पहाड़ ही दरककर नीचे हाईवे पर आ गया। कहा कि यहां 80 से 100 पेड़ उखड़ गए हैं। सांगटी वार्ड में अन्य जगहों पर भी भूस्खलन के चलते पांच मकानों को खाली करवा दिया गया है।
महापौर ने लिया जायजा
महापौर सुरेंद्र चौहान बुधवार सुबह 4:00 बजे बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने वार्डाें में पहुंच गए। विकासनगर में सुबह ही कई परिवारों को शिफ्ट कर दिया है। मल्याणा, सांगटी, कनलोग, हिमलैंड पहुंचकर महापौर ने राहतकार्याें का भी जायजा लिया। नगर निगम को निर्देश दिए हैं कि सभी बंद पड़ी सड़कों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। नालियों से मलबा हटाने को कहा है।
शहर में बेकाबू हो गए हालात ढहने की कगार पर 500 पेड़
राजधानी में एकसाथ ढह रहे दर्जनों पेड़ों के कारण हालात बेकाबू हो गए हैं। एक ओर जहां 500 से ज्यादा पेड़ खतरा बनकर मंडरा रहे हैं तो दूसरी ओर दर्जनों पेड़ सड़कों, रास्तों और घरों पर कहर बनकर टूट चुके हैं। हालत यह है कि वन विभाग को अब खतरनाक पेड़ काटना बंद कर शहर में ढहे पेड़ों को हटाने का काम शुरू करना पड़ा है। बुधवार को विभाग की छह टीमें शहर में बंद पड़ी सड़कों और रास्तों को बहाल करने में जुट गईं। कई जगह एंबुलेंस फंसने की भी सूचनाएं वन विभाग को मिली हैैं।
इसके बाद विभाग ने तुरंत टीमें मौके पर भेजकर सड़कें बहाल कीं। ज्यादातर जगहों पर सड़कें बंद होने से मजदूरों को मशीनें लेकर पैदल ही मौके पर पहुंचना पड़ा। सर्कुलर रोड समेत शहर की मुख्य और संपर्क सड़कों से देररात तक पेड़ हटाने का काम जारी रहा। इसके बावजूद कई सड़कों और कालोनियों में ढहे पेड़ नहीं हटाए जा सके हैं। वन विभाग का कहना है कि सबसे पहले सड़कों को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते बुधवार को घरों पर खतरा बने कोई भी खतरनाक पेड़ नहीं कट पाए हैं। सड़क बहाली का काम वीरवार को भी जारी रहेगा।
चिंता, कौन काटेगा खतरनाक पेड़
शहरवासियों की परेशानी बढ़ गई है कि शहर में अब खतरनाक पेड़ कौन काटेगा। खड़े पेड़ काटने वाले सभी मजदूर वन विभाग के साथ काम कर रहे हैं। इसके अलावा जो बचे हैं, वह मनमाने रेट वसूल रहे हैं। खतरनाक पेड़ काटने के 500 से ज्यादा आवेदन भी अभी लटके पड़े हैं।
डीसी ने किया निरीक्षण
शहर के खलीनी बीसीएस सड़क पर 40 से ज्यादा पेड़ कभी भी ढह सकते हैं। डीसी आदित्य नेगी ने बुधवार को इनका निरीक्षण भी किया। कनलोग, हिमलैंड, टॉलैंड, खलीनी, बैनमोर में भी दर्जनों पेड़ खतरनाक हो गए हैं। डीएफओ शिमला शहरी अनिता भारद्वाज ने कहा कि अभी सड़कें बहाल करना प्राथमिकता है। बुधवार पहले के मुकाबले ज्यादा नुकसान हुआ है। विभाग के कर्मचारी देर रात तक काम कर रहे हैं। जाखू में अमर भवन के पास बने एक भवन में पानी घुसने से नुकसान हुआ है। इस भवन में रहने वाले तीन से चार परिवारों को शिफ्ट करवा दिया है। फाइव बेंच के पास भूस्खलन से सड़क बंद हो गई है।
कई इलाकों में आज लग सकता है पेयजल कट
राजधानी में गुरुवार को कई इलाकों की पेयजल आपूर्ति में कट लग सकता है। बारिश के कारण आई गाद से गिरि पेयजल परियोजना बुधवार दोपहर 2:00 बजे तक ठप रही। हालांकि राहत यह है कि शाम तक इस परियोजना के दो पंप शुरू हो गए हैं। यहां से पानी की आपूर्ति शुरू हो गई है। गुम्मा से भी शाम के समय पेयजल आपूर्ति बढ़ाई गई है। पेयजल कंपनी का दावा है कि ज्यादातर इलाकों में वीरवार को तय शेड्यूल के अनुसार पानी दिया जाएगा। हालांकि, भारी बारिश को देखते हुए कुछेक इलाकों में पेयजल आपूर्ति में देरी हो सकती है।
आईजीएमसी में पुराने प्रिंसिपल दफ्तर के पास भूस्खलन
आईजीएमसी के पुराने प्रिंसिपल दफ्तर के पीछे बुधवार सुबह भूस्खलन हो गया। इसके अलावा पेड़ भी गिर गया। इससे बिजली गुल हो गई। इस वक्त सैकड़ों कर्मचारी वहां काम कर रहे थे। हालांकि इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। इसके बाद आधे भवन को खाली करवा दिया गया। अस्पताल प्रबंधन ने ऑफिस के साथ लगते पीजी हॉस्टल में रहने वाले डॉक्टरों को हिदायत दी है कि भूस्खलन होने पर वह न्यू ओपीडी ब्लॉक में रह सकते हैं। आईजीएमसी प्राचार्य डॉ. सीता ठाकुर ने बताया कि ऑफिस खाली कर दिया है। हॉस्टल में रहने वाले पीजी डॉक्टरों को किसी तरह की दिक्कतें आती है तो न्यू ओपीडी में उनके रहने की व्यवस्था की है।
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