देश के कई राज्यों में सोमवार को भी हल्की से भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग का अगले चार दिनों का पूर्वानुमान बताता है कि गुजरात को बारिश से राहत मिल सकती है, लेकिन 12 राज्यों के लिए मानसून अभी मुसीबतें ही बढ़ाएगा। मौसम विभाग के अनुसार मानसून ट्रफ लगातार सक्रिय है और यह अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर बढ़ रहा है। अगले दो से तीन दिनों में पश्चिमी छोर के धीरे-धीरे उत्तर की ओर बदलने की संभावना है। वहीं एक चक्रवाती प्रसार दक्षिण ओडिशा और इससे सटे इलाकों के निचले स्तरों पर बना हुआ है।
मौसम विभाग के मुताबिक एक चक्रवाती प्रसार पश्चिम मध्य और उससे सटे उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना हुआ है, जो समुद्र तल से 5.8 से 7.6 किमी ऊपर स्थित है। इसके कारण अगले 24 घंटों के दौरान इसी क्षेत्र में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने का अनुमान है।
मौसम विभाग ने मौसम संबंधी गतिविधि को देखते हुए आज उत्तराखंड, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, गुजरात और तटीय कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों सहित 12 राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश बारिश होने की आशंका जताई है। इन हिस्सों में 115.6 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर तक बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है।
हिमाचल प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, मराठवाड़ा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, तेलंगाना, आंतरिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के अलग-अलग हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने के आसार हैं। यानी कि इन राज्यों में 64.5 मिमी से 115.5 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका है।
अंडमान और निकोबार में तूफानी हवाओं के साथ बारिश के आसार
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अलग-अलग हिस्सों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के साथ बौछारें पड़ने के आसार हैं। उप-हिमालय पश्चिम बंगाल और सिक्किम, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, मराठवाड़ा तथा गुजरात के अलग-अलग हिस्सों में तेज हवाओं के साथ छींटे पड़ने तथा बिजली गिरने की आशंका जताई गई है।
बदरीनाथ हाईवे बंद, 1000 से ज्यादा यात्री फंसे
बदरीनाथ हाईवे कमेड़ा में रविवार देर रात भारी बारिश के कारण 200 मीटर सड़क ध्वस्त हो गई और लोहे की पुलिया बह गई। इस वजह से 1000 तीर्थयात्री फंस गए हैं। इसके अलावा छिनका में भी पहाड़ी से मलबा और पत्थर आने से हाईवे बाधित है। ओजरी डाबरकोट पर लगातार बोल्डर और मलबा आने के कारण यमुनोत्री हाईवे सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा। हाईवे बंद होने के कारण करीब 300 यात्री स्यानाचट्टी से लेकर जानकीचट्टी के बीच में फंसे हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली और पांवटा-शिलाई नेशनल हाईवे समेत 600 सड़कों पर सोमवार को भी यातायात बाधित रहा।
हरियाणा में बाढ़ से हजारों एकड़ फसल बर्बाद
हरियाणा के फतेहाबाद शहर के साथ लगते नेशनल हाईवे-9 से बाढ़ का पानी कम होने लगा है। फतेहाबाद और सिरसा में घग्गर नदी में जलस्तर घटने से गांवों में भी पानी कम हुआ है। हालांकि, बाढ़ के कारण दोनों जिलों में हजारों एकड़ फसलें खराब हो गईं हैं। यमुनानगर के हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी सोनीपत पहुंचने से यहां देर रात यमुना का जलस्तर 215.2 मीटर तक पहुंच गया था। लेकिन सोमवार को वह कम होकर 214.9 मीटर रह गया।
पंजाब में रावी में उफान से दर्जनों घर डूबे, पशु बहे
पंजाब के कई जिलों में सोमवार को भी भारी बारिश हुई। इस बीच, पठानकोट में रावी का जलस्तर बढ़ने से गुज्जर समुदाय के लोगों के दर्जनों घर डूब गए हैं और कई पशु भी बह गए। पटियाला में घग्गर में उफान के कारण करीब 32 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। अमृतसर में कत्थूनंगल के पास से निकलने वाली ड्रेन में दरार के कारण आसपास के गांवों के कुछ घरों और संधू कॉलोनी के घरों तक पानी पहुंच गया है।