नई दिल्ली: उत्तरी जिले की साइबर पुलिस थाने की टीम ने फर्जी तरीके से क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गिरोह के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से पुलिस टीम ने 9 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. पुलिस टीम अब इन्हें डाटा उपलब्ध कराने वाले शख्स की भी तलाश कर आगे की कार्रवाई कर रही है.
उत्तरी जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी ने बताया कि अंधा मुगल निवासी जितेश राजपूत ने पुलिस में अपने साथ हुई ठगी की शिकायत दर्ज कराई. जिस पर पुलिस ने बीती 6 जुलाई को शिकायत दर्ज कर मामले में कार्रवाई शुरू कर दी. पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उसने नया क्रेडिट कार्ड लिया था, इसी दौरान किसी का फोन आया और खुद को बैंक का अधिकारी बताने लगा. फोन पर बात करने वाले शख्स ने एक वेबसाइट उसके साथ सांझा की और कार्ड एक्टिव करने के लिए बोला था. फोन पर बात करने वाले शख्स ने जानकारी सांझा की. इसके बाद उसके कार्ड से 3,40,000 रुपये निकल गए.
उच्च अधिकारियों ने मामले की पड़ताल करने के लिए उत्तरी जिले की साइबर पुलिस टीम को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई. पुलिस ने पड़ताल करते हुए साइबर थाने के एसएचओ पवन तोमर की देखरेख में एसआई रोहित और गुमान सिंह की टीम का गठन किया गया. पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से तीन आरोपियों शाहरुख, प्रभजोत और हर्षदीप को फरीदाबाद इलाके से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वारदात में गुरमीत और सुरेंद्र भी उनके साथ शामिल थे, जिन्हें नोएडा पुलिस ने ठगी के अन्य मामले में पहले ही गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रोडक्शन वारंट दाखिल कर दोनों को आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे दीपक नाम के शख्स से क्रेडिट कार्ड लेने वाले लोगों की जानकारी जुटाते थे. फिर बैंकों से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को अपना निशाना बनाते और वेबसाइट का उपयोग करने के लिए कहते. आरोपी अपना नाम ट्रू कॉलर पर बैंक एग्जीक्यूटिव के नाम से सेव करते थे. इससे कोई भी उनके झांसे में फंस जाता और आसानी से ठगी का शिकार हो जाता था. फिलहाल पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया है.