हरियाणा

जल्द शुरू होगा मिरी पिरी मेडिकल कॉलेज का रुका हुआ काम, स्वास्थ्य मंत्री ने दिलाया भरोसा

Shantanu Roy
29 July 2022 5:59 PM GMT
जल्द शुरू होगा मिरी पिरी मेडिकल कॉलेज का रुका हुआ काम, स्वास्थ्य मंत्री ने दिलाया भरोसा
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चंडीगढ़। हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद मारकंडा में एसजीपीसी के मिरी पिरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के लिए आशा की एक नई किरण उभरी है। अनुमति मिलने के बावजूद कोरोना के कारण पिछले 2 साल से रुके सभी कार्य अब जल्द ही शुरू होंगे। मिरी पिरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च का एक प्रतिनिधि मंडल स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिलने पहुंचा। विज ने तुरंत सम्बन्धित अधिकारियों को तात्विक कार्यवाही के आदेश दिए है। अनिल विज ने एसजीपीसी के प्रतिनिधि मंडल को कहा कि जहां भी कोई दिक्कत लगे, उन्हें अवगत करवाया जाए। वह खुद वहां खड़े होकर कार्य करवाएंगे। किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी।

2016 में भी एक प्रतिनिधिमंडल ने विज से की थी मुलाकात
गौरतलब है कि 2016 में भी स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज और अन्य संबंधित अधिकारियों ने एसजीपीसी अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ के साथ बैठक कर परियोजना के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतों को दूर किया था। 150 करोड़ रुपये की परियोजना 2006 में शुरू हुई थी। हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा इसे अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी नहीं करने के कारण यह लटकी हुई थी। अनिल विज ने कहा कि मौजूदा हरियाणा सरकार ने राज्य में अधिक से अधिक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए एक मिशन शुरू किया है और वह इस परियोजना को जल्द ही चालू करना चाहती है।
कांग्रेस सरकार में एनओसी न मिलने से अटक गया था मेडिकल कॉलेज का काम
मीरी पीरी प्रबंधकों ने बताया कि अतीत में कांग्रेस सरकार ने राजनीतिक कारणों से जान बूझकर आधिकारिक औपचारिकताएं टाल दीं थी। इससे पहले जब विज ने स्वर्ण मंदिर में जाकर मत्था टेका था, तब भी उन्होंने कहा था कि "यह अफ़सोस की बात है कि इतना बड़ा संस्थान गंदी राजनीति का शिकार हो गया। तब विज ने कहा था कि मैं, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की ओर से, आश्वासन देता हूं कि हमारी ओर से सभी आधिकारिक बाधाओं को दूर किया जाएगा ताकि छात्रों और जनता के लाभ के लिए इस संस्थान को कार्यात्मक बनाया जा सके। एक बार इस संस्थान के शुरू हो जाने के बाद यहां न केवल मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल पाएंगी, बल्कि मेडिकल छात्रों को उनकी पढ़ाई में शिक्षित करने और नौकरी के नए अवसर प्रदान करने में भी यह संस्थान मदद करेगा।
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