चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि क्षेत्र में सूरजमुखी के फूलों की दीवानगी बढ़ती जा रही है। प्रदेश में अब करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, अंबाला, पंचकूला, यमुनानगर छह जिलों के किसान सूरजमुखी के फूलों की खेती करने लगे हैं जबकि पहले सिर्फ कुरुक्षेत्र, पंचकूला और यमुनानगर जिलों में ही किसान सूरजमुखी के फूल उगाते थे। आंकड़ों की मानें तो हरियाणा में अब 12,290 हैक्टेयर की कामीन पर 24,630 टन सूरजमुखी के फूलों का उत्पादन किया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में 8280 किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सूरजमुखी के फूलों के लिए रजिस्ट्रेशन करवाई थी। वर्ष 2022-23 के लिए फिलहाल 6600 से अधिक प्रदेश के किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सूरजमुखी के फूलों की खेती के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है। पोर्टल पर फूलों की खेती के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले किसानों के फूल प्रदेश सरकार 6015 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। जबकि वर्ष 2014-15 में प्रदेश सरकार हरियाणा के किसानों से सूरजमुखी के फूल 3750 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद रही थी। किसानों को फूलों की व्यवसायिक खेती के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से सरकार ने सूरजमुखी के फूलों पर न्यनूतम समर्थन मूल्य की कीमत में बढ़ोत्तरी कर दी है। हरियाणा स्टेट कोओपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड और हरियाणा स्टेट वेयरहाउसिंग कोरपोरेशन को सूरजमुखी के फूलों की खरीददारी के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। हरियाणा में मौजूदा समय में छह जिलों में सूरजमुखी के फूलों की खेती की जा रही है।