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चण्डीगढ़। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि तीज त्यौहार हमारी संस्कृति की विरासत है, जिन्हें सहेजकर रखना हम सबकी सांझी जिम्मेदारी है। तीज त्यौहार महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा देते हैं। त्यौहार हमारी संस्कृति का मजबूत आधार है। राज्यपाल शुक्रवार को ढांड रोड स्थित अमृत फार्म में हरियाली तीज महोत्सव के उपलक्ष में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यातिथि एवं राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कार्यक्रम परिसर में पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
राज्यपाल ने कहा कि देश के समूचित संर्वधन में महिलाओं का विशेष योगदान है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान चलाकर देश को नई दिशा देने का काम किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। प्रदेश में हजारों की संख्या में स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हमारे जीवन में त्योहारों का विशेष महत्व है। वर्षभर में एक नीयत समय पर आने वाले विभिन्न त्योहार जीवन में नवरस भर देते हैं। तीज उन्हीं त्योहारों में से एक ऐसा महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिससे महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुषों के चेहरे भी खिल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे हरियाणा में एक कहावत है कि... 'आई तीज, बिखेर गई बीज' अर्थात अप्रैल माह में शुरू होने वाले हमारे हिंदू कैलेंडर में तीज का त्यौहार वर्ष का सबसे पहला त्यौहार होता है। इसके बाद से त्योहारों का सीजन शुरू हो जाता है। जैसे इसके दस दिन बाद रक्षाबंधन, फिर जन्माष्टिमी, करवे, नवरात्र, दशहरा, दीवाली इत्यादि महत्वपूर्ण पर्व हैं। परन्तु हमारे हिन्दु कैलेंडर का अन्तिम त्यौहार होली भी देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये सभी त्यौहार हमारी सभ्यता और संस्कृति तथा सामाजिक मूल्यों को सहेजने और संजोए रखने का काम करते हैं। प्राचीन काल से ही हमारे ऋषि-मुनियों ने मानव जीवन को खुशियों से भरने के लिए पर्व मनाने का विधान किया। इन सभी पर्वों में मनुष्य की प्रकृति और पर्यावरण की अनुकूलता को भी ध्यान में रखा गया है। राज्यपाल ने बाल कल्याण परिषद को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की।
हरियाणा की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि हरियाणा सांस्कृतिक परंपराओं और लोक संस्कृति की अमूल्य धरोहर है। तीज का त्यौहार खासतौर पर महिलाओं, बहुओं, बेटियों और बहनों का त्यौहार है। सभी प्रकार के भेदभाव को मिटाकर आपसी मिलन, प्रेम और पूरे परिवार, समाज के सांझे त्यौहार के तौर पर तीज अपनी अहम भूमिका निभाता है। प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और महिलाओं के प्रति सम्मान दर्शाने का संयोग इस त्यौहार पर देखने को मिलता है। तीज का त्यौहार प्रकृति से सीधा तौर पर जुड़ा हुआ है और हमें पर्यावरण की रक्षा करने की प्रेरणा देता है। राज्यमंत्री ने बाल कल्याण परिषद को अपने स्वैच्छिक कोटे से 5 लाख रुपये देने की घोषणा भी की।
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