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पंचकूला। हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कण्ट्रोल ब्यूरो प्रमुख एवं अम्बाला मंडल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्रीकांत जाधव के दिशानिर्देशों एवं मार्गदर्शन में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान पंचकूला में एक दिवसीय 5वां नशा मुक्ति जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी हरियाणा) के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी/उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा मुख्य वक्ता के रूप में पधारे हुए थे, जबकि उप निरीक्षक राजेंद्र सिंह ने कार्यक्रम के संचालन में सहयोग किया। नशे पर कुठाराघात करते हुए ब्यूरो के जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास प्रभारी डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने उपस्थित शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1985 में भारत सरकार द्वारा पूरे भारतवर्ष के लिए स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम, 1985 पारित किया था, जो सम्पूर्ण भारत पर लागू होता है। इस अधिनियम के अंतर्गत अफीम, चरस, गांजा, भांग, स्मैक, चिट्टा, हीरोइन, नशे की गोलियां और टीके आदि को कोई भी व्यक्ति अपने पास नहीं रख सकता है, न सेवन कर सकता है, न खेती कर सकता है और न तस्करी कर सकता है। यदि करता है तो उपरोक्त अधिनियम के अंतर्गत कठोर दण्ड के प्रावधान है जिसमे फांसी का दण्ड भी दिया जा सकता है। विभिन्न उदाहरण देकर विद्यार्थियों को नशे की बुराइयों से अवगत करते हुए उन्होंने कहा कि यह नशा भारतीय युवा पीढ़ी को नशे की लत में लगाकर उन्हें नष्ट करने से है और इसके पीछे कुछ विदेशी षडयंत्रकारी शक्तियों का हाथ है। आज प्रत्येक माता पिता अपने बच्चों के भविष्य को लेकर सजग हैं लेकिन उनके बच्चे कब नशे का शिकार हो जाएं यह एक गहन चिंता का विषय है।
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