करनाल: प्लास्टिक हर किसी के लिए एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. ज्यादातर किराना स्टोर में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर चौक का काम करने वाले किराना स्टोर के मालिक ने बताया कि अभी तक प्रशासन की तरफ से उनके पास कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है कि इसमें कौन-कौन सी प्लास्टिक बैन की (ban on single use plastic in Karnal) गई है. उन्होंने कहा कि अगर सच में सरकार पूरे भारत में इसे बंद करना चाहती है तो जो बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां सिंगल यूज प्लास्टिक को बनाने का काम करती हैं, पहले उन को बंद करना चाहिए इसके बाद ही इस पर आम जनता और दुकानदार अमल कर सकते (Karnal people reaction on single use plastic) हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक की जगह दूसरा विकल्प तलाशने की जरूरत: थोक विक्रेता सुमित ने बताया कि वह अभी तक अपनी दुकानों पर प्लास्टिक के बैग ही दे रहे हैं क्योंकि उनके पास अभी तक कोई दूसरा विकल्प नहीं पहुंचा है. ऐसे में सरकार को ऐसे उद्योग स्थापित करने चाहिए जो दूसरी चीजों के बैग तैयार करें और एक उचित रेट पर उनको दिए जाएं, क्योंकि बैग अगर 5 रुपए का हुआ और व्यक्ति ने 2 रुपए का सामान लिया है तो ऐसे में दुकानदार घाटे में चला जाएगा. एक रणनीति के तहत ही नोटिफिकेशन जारी करके सभी ऐसे लोगों के पास भेजना चाहिए जिनके पास सिंगल यूज प्लास्टिक वाले बैग पहुंचते हैं ताकि उनको बंद कर दिया जाए.
सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर लगेगा जुर्माना: अगर बात करें सिंगल यूज प्लास्टिक में प्लास्टिक के झंडे, गुब्बारे के स्टिक समेत 19 चीजों पर रोक लगाया गया है. सिंगल यूज प्लास्टिक बेचने पर 7 साल की कैद व 10,0000 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. केंद्र सरकार ने सिंगल उस प्लास्टिक बैन करने का ऐलान किया है. सिंगल यूज प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें जिनका हम सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल करते हैं, इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है. बैन किए गए प्रोडक्ट्स को बनाने या बेचने पर पर्यावरण एक्ट धारा 15 के तहत 7 साल की जेल और 10,0000 तक का जुर्माना लगाया (single use plastic ban) जाएगा.
प्रदूषण फैलने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण: देश में प्रदूषण फैलने में सिंगल यूज प्लास्टिक सबसे बड़ा कारण है. केंद्र सरकार के मुताबिक देश में 2018-19 में 30.59 लाख टन और 2019-20 में 34 लाख टन से ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा जनरेट हुआ था. सिंगल यूज़ प्लास्टिक से बनी चीजें डीकंपोज नहीं होती है और ना ही इन्हें जलाया जा सकता है क्योंकि इसे जहरीले धुएं से हानिकारक गैस निकलती है. ऐसे में रीसाइक्लिंग के अलावा स्टोरेज करना ही एकमात्र उपाय होता है.
प्रशासन को चलाना होगा जागरूकता अभियान: दुकानदार चेतन ने कहा कि अभी तक उनको यही नहीं पता कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक में क्या-क्या चीजें आती हैं. ऐसे में प्रशासन को एक अभियान चलाना चाहिए ताकि हर दुकानदार से लेकर आमजन को इसके प्रति जागरूक किया जाए. तभी इस पर कुछ रोक लगाई जा सकती है. हालांकि भारत सरकार (Central government banned single use plastic) का यह अच्छा कदम है लेकिन अभी तक सभी दुकानदार व आम लोगों में असमंजस है कि सिंगल यूज़ प्लास्टिक में क्या-क्या चीज शामिल की गई हैं, ऐसे में जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को जागरूक करें तो इस पर रोक लगाई जा सकती (ban on single use plastic) है.