मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सीएम विंडो पर अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निर्धारित एरिया से ज्यादा में बने मकानों के ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी किए जाने की शिकायत पर सख्त संज्ञान लिया है। उन्होंने रोहतक के तत्कालीन जिला नगर योजनाकार को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को संबंधित मामले में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट 20 जुलाई, 2023 तक भिजवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने बताया कि सुरजभान पुत्र परलाद सिंह, गांव गुढान, तहसील कलानौर जिला रोहतक द्वारा सीएम विंडो पोर्टल पर शिकायत संख्या 027573/2022 दिनांक 15.03.2022, 097230/2022 दिनांक 24.01.2022 तथा 002248/2023 दिनांक 05.01.2023 दर्ज करवाई गई। जिसमें उन्होंने आरोप लगाए हैं कि नगर योजनाकार द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर निर्धारित एरिया से ज्यादा क्षेत्र में बने मकानों के ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट जारी किए जा रहे हैं।
इन शिकायतों के संबंध में विभाग द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्टस के अनुसार 10 फ्लैट निर्माताओं द्वारा चौथी मंजिल की ईडीसी जमा नहीं है। इसके संबंध में उनकी रजिस्ट्री रद्द करने बारे तहसीलदार से अनुरोध किया है। 7 फ्लैट निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। लेकिन विभाग द्वारा दोषी अधिकारी के विरुद्ध की गई कार्यवाही का ब्यौरा नहीं दिया गया है।
उन्होंने बताया कि कार्यालय द्वारा शिकायत का अवलोकन करने पर पाया गया है कि शिकायतकर्ता द्वारा जिस अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई गई है, विभाग द्वारा मामला जांच के लिए उसी अधिकारी को अग्रेषित किया गया है। जबकि सीएम ग्रीवांसीज सेल की हिदायतों के अनुसार श्रेणी-1 व श्रेणी-2 के अधिकारी के विरुद्ध एक पद ऊपर तथा श्रेणी-3 व श्रेणी- 4 के कर्मचारियों के विरुद्ध दो पद ऊपर के अधिकारी द्वारा जांच की जानी है। इसलिए, उपरोक्त मामले में मुख्यमंत्री ने संज्ञान लेते हुए तत्कालीन जिला नगर योजनाकार, रोहतक को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया है।
भूपेश्वर दयाल ने बताया कि शिकायतकर्ता सूरजमान ने यह भी आरोप लगाए हैं कि तहसीलदार द्वारा मकान मालिकों से बिना डेवलपमेंट चार्जिस जमा करवाए ही मकानों की चतुर्थ मंजिल की रजिस्ट्री की जा रही है। उपरोक्त शिकायत के संबंध में वरिष्ठ नगर योजनाकार रोहतक द्वारा सीएम विंडो पोर्टल पर 17 अप्रैल, 2023 को अपलोड की गई रिपोर्ट के अनुसार शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों को सही पाया गया है।
लेकिन, विभाग द्वारा अभी तक मामले में दोषी पाए गए अधिकारियों/ कर्मचारियों के विरुद्ध की गई कार्यवाही के बारे में सूचित नहीं किया गया है। इसलिए नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को मामले में निजी रूचि लेते हुए दोषी अधिकारी को नियम -7 में चार्जशीट करने के उपरांत कार्यवाही रिपोर्ट 10 जुलाई, 2023 तक भिजवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।