हरियाणा

रिकॉर्ड तोड़ होगी बारिश, प्रशासन अलर्ट

Shantanu Roy
3 July 2022 9:31 AM GMT
रिकॉर्ड तोड़ होगी बारिश, प्रशासन अलर्ट
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बड़ी खबर

करनाल। दक्षिणी राज्यों के बाद प्री मानसून ने उत्तर क्षेत्र के राज्य हरियाणा में भी दस्तक दे दी है। मौसम विभाग ने इस बार मानसून सीजन में रिकॉर्ड तोड़ बारिश की संभावना जताई है। उत्तराखंड से उत्तर गढ़वाल में उत्तरकाशी क्षेत्र के बंदरपूंछ चोटी की 10 हजार 804 फुट की ऊंचाई से बहती यमुना में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से होकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचने वाली यमुना में पिछले साल की अपेक्षा जलस्तर और बढ़ने के मद्देनजर प्रशासन सतर्क हो गया है।

करनाल जिला प्रशासन ने मानसून के दौरान यमुना के बहाव के दौरान होने वाले अप-डाउन के मुताबिक तमाम सुरक्षा उपाय अपनाने के पहल शुरू कर दी है। बाढ़ आने पर मोटर बोट, नाव, गोताखोर, शरणालय और पशु शिविर आदि के लिए स्थान चिह्नित कर लिए हैं। कृषि, बिजली, पुलिस, वन विभाग, जिला पूर्ति कार्यालय, जिला पंचायत, नगर पालिका, तहसील प्रशासन ने भी कार्ययोजना तैयार कर ली है। बाढ़ में फंसने और अन्य किसी इमरजेंसी में प्रशासन से संपर्क व मदद लेने के लिए कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।
मानसून के दिनों में बारिश के दौरान उत्तराखंड से तेज बहाव आती यमुना में ताजेवाला हेड से पानी छोड़े जाने के बाद खतरा और बढ़ जाता है। यमुना की क्षमता करीब 1 लाख 30 हजार क्यूसिक पानी के बहने की है, लेकिन ताजेवाला हेड से क्षमता से कई लाख अधिक क्यूसिक पानी छोड़ने के बाद उत्पन्न होने वाले खतरे से हरियाणा और उत्तरप्रदेश के साथ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की जनता भी त्रस्त हो जाती है।
ध्यान में रखने योग्य है कि हरियाणा के जिला यमुनानगर के बाद जिला करनाल की यमुना नदी में प्रवेश सीमा उपमंडल इंद्री के तलहटी के कई क्षेत्र पिछले कई वर्षो में बर्बादी झेल चुके है। इंद्री के बाद घरौंडा क्षेत्र के लालुपुरा जैसे ऐरिया से होते हुए यमुना पत्थरगढ़ बबैल के रास्ते जिला पानीपत को छूती हुई सोनीपत के ताजपुर होते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच जाती है। इन तमाम क्षेत्रों के बीच पड़ने वाले सैकड़ों गांव मानसून के दिनों में यमुना के कहर को झेलते रहे है।
प्रशासनिक अधिकारियों की हलचल पर नजर दौड़ाई जाए तो मौसम विभाग की संभावनाओं ने चिंता बढ़ा रखी है। हालांकि सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता नवतेज सिंह का कहना है कि फिलहाल पूरा काम संभावनाओं के आधार पर किया जा रहा है, लेकिन किसी भी तरह से मामले में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है। जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। यमुना से सटे आस-पास के गांवों के ग्रामीणों को पहले ही चौकस रहने के लिए सावधान कर दिया गया है।
यमुना नदी के तेज बहाव से बचाव के लिए हरियाणा की सीमा से लगते पूरे करनाल जिला में यमुना किनारे के ठोकरों को मजबूत करने का काम पूरा किया गया। लोगों को किसी भी प्रकार से दहशत में आने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन मानसून की संभावनाओं के लिहाज से सावधान रहने की आवश्यकता समझी जा रही है। इसके अलावा जिले में सभी नहरों और ड्रेनों की सफाई का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। नवतेज सिंह ने बताया कि लालूपुरा गांव में आठ नए स्टड बनाए गए हैं जबकि कुछ पुराने स्टड की मरम्मत की गई है।
जिला उपायुक्त अनीश यादव ने कहा कि वर्ष 2012 में बाढ़ आने से इस क्षेत्र के अनेक गांव प्रभावित हुए थे। साथ ही फसलों में भी भारी नुकसान हुआ था। उपायुक्त यादव ने कहा कि तमाम संबधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके है। अगर बाढ़ आने जैसे हालात हुए तो प्रशासन हर तरह से सक्षम है। प्रशासन की ओर से मोटर बोट, नाव, गोताखोर, शरणालय एवं पशु शिविर आदि के लिए स्थान चिह्नित कर लिए गए हैं। कृषि, बिजली, पुलिस, वन विभाग, जिला पूर्ति कार्यालय, जिला पंचायत, नगर पालिका, तहसील प्रशासन ने भी अपनी कार्ययोजना तैयार कर ली हैं। जहां-जहां पानी के बहाव से खतरे का आभास अधिक रहता है, ऐसे तमाम स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है। प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
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